चिंता: फर्जी डेटिंग एप और ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में बच्चा हो या जवान पहुंच रहे मेंटल हॉस्पिटल


TNP DESK- फर्जी डेटिंग एप और ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में बच्चे और युवा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो रहे हैं. ऑनलाइन गेम की लत और फर्जी डेटिंग एप के जरिए लगातार धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. यह एक बहुत बड़ा कारण है जिसकी वजह से आज के बच्चे और युवा मेंटल हेल्थ के शिकार हो रहे हैं.आपको विस्तार से बताते हैं कि फर्जी डेटिंग एप और ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में कैसे बच्चे और युवा मेंटल हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं.
ऑनलाइन गेम बच्चों की जिंदगी कर रहा बर्बाद
अगर ऑनलाइन गेम की बात करें तो पिछले कई सालों में बच्चों में गेम की लत काफी ज्यादा बढ़ गई है. ऑनलाइन गेम ने बच्चों का बचपन छीन लिया है. बच्चे अब पार्क में खेलने कूदने की जगह ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल पर व्यतीत करते हैं. घंटों ऑनलाइन गेम खेलने में व्यस्त रहने वाले बच्चे की मानसिक प्रवृत्ति भी बदलतो जा रही है. ऑनलाइन गेम ने बच्चों को चिड़चिड़ा और आक्रामक बना दिया. जब बच्चे सारा दिन मोबाइल पर गेम खेलते हैं तो ऐसे में बच्चों में डिप्रैशन, एंजायटी और आत्महत्या जैसी प्रवृत्ति भी बढ़ रही है. कई बच्चों के स्वभाव में गेम खेलते खेलते ऐसा बदलाव आ रहा है कि वह अजीबो गरीब हरकत कर रहे हैं. जिसके बाद उन्हें मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है.
अधिक समय तक ऑनलाइन गेम खेलने के कारण बच्चे अपने पेरेंट्स और दोस्तों से भी दूर हो रहे हैं. ऐसे में कुछ समय बाद जब उन्हें अकेलापन महसूस होता है तो फिर वह डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं.
अभी के समय में कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे ऑनलाइन लूडो, फ्री फायर, ड्रीम 1, ब्लैक जैक जैसे ऑनलाइन गेम ने लाखों बच्चों और युवाओं को अपने जाल में फसाया है. इस गेम ऐप के जरिए बच्चे धीरे-धीरे गैंबलिंग में फंस जा रहे हैं और एक बार जब युवा इस दलदल में फंसते हैं तो वह अपने वर्षों की मेहनत की कमाई को बर्बाद कर बैठते हैं. जिसके कारण धीरे-धीरे उनमें तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता जा है. ऑनलाइन गेम से पैसे कमाने के चक्कर में वर्तमान समय में युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं.
वही जब आजकल बच्चे ऑनलाइन गेम में पैसे हार जाते हैं तो फिर वह कई तरह के अपराधिक घटना को अंजाम देने पर तुल जाते हैं. कभी या तो खुद के अपहरण की साजिश रच डालते हैं या फिर किसी की जान लेने पर उतारू हो जाते हैं. बीते कुछ समय में कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें बताया गया है कि ऑनलाइन गेम के चक्कर में पड़ कर बच्चे और युवा किस तरीके से क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
भारत में आज के युवा पैसे कमाने का शॉर्टकट रास्ता अपना रहे हैं. इसीलिए वह धड़ल्ले से ऑनलाइन गेम और सट्टेबाजी जैसे साइट पर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं और जब वह ऑनलाइन गैंबलिंग और गेम के चक्कर में अपने पैसे खो देते हैं वह कर्ज में चले जाते हैं तब फिर कई मामले ऐसे सामने हैं जहां वह आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं.
फर्जी डेटिंग एप भी युवाओं को बना रहे मानसिक शिकार
आजकल कई ऐसे फर्जी डेटिंग एप भी आ गए हैं जहां पर युवा अपना समय व्यतीत कर रहे हैं. फर्जी डेटिंग एप्स के जरिए धोखाघड़ी और ठगी के मामले भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं क्योंकि यह ऐप आपकी पर्सनल जानकारी को चोरी करते हैं और फिर बाद में आपको ब्लैकमेल करके उसका गलत उपयोग करते हैं. ऐसे में कई बार युवा फर्जी डेटिंग एप के चक्कर में या तो मेंटली डिस्टर्ब हो जाते हैं या फिर आत्महत्या करने को उतारू हो जाते हैं.
बच्चों को इस दलदल से कैसे बचाए.....
माता-पिता को बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें
बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा और धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करें और जानकारी दें
बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करें और उन्हें आउटडोर गतिविधियों में शामिल होने के लिए मोटिवेट करें
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