टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- वैसे तो बेंगलुरु में देश के सारे प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं का महाजुटान है. करीबन 27 पार्टियों के महारथियों के द्वारा 2024 के महासंग्राम में मोदी रथ को रोकने की रणनीति तैयार की जा रही है. राजनीति के इन महारथियों में उतर से दक्षिण तक के सारे राजनीतिक योद्धा मौजूद हैं, लेकिन इस वक्त पूरे देश की नजर नीतीश कुमार की ओर लगी है. क्योंकि खबर यह है कि आज की बैठक में सीएम नीतीश को पीडियाट्रिक डेमोक्रेटिक एलायंस का संयोजक बनाया जा सकता है. माना जा रहा है कि सीएम नीतीश पर सबकी सहमति बन चुकी है, अब सिर्फ महज इसका एलान किये जाने की औपचारिकता बाकी है.
सत्ता पक्ष में देखा जा रहा है सीएम नीतीश का भय
सत्ता पक्ष पर नीतीश कुमार के आंतक को इससे भी समझा जा सकता है कि आज भाजपा के सहयोगी दलों के द्वारा पूरे बेंगलुरु की दीवारों को सीएम नीतीश की तस्वीरों से लाद दिया गया, उन्हे अनस्टेबल बताने की कोशिश की गयी, अनस्टेबल पीएम उम्मीदवार बताया गया, यह स्थिति तब है जब कि सीएम नीतीश के नाम का अभी औपचारिक एलान भी नहीं हुआ है, लेकिन उनका भूत सत्ताधारी दलों के सिर पर सवार होकर बोलने लगा है. सीएम नीतीश के खिलाफ हमले तेज हो गये हैं. अपने अपने प्रवक्ताओं को सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ उतार दिया गया है.
संयोजक पद के साथ ही संयुक्त वार रुम की भी कवायद
खबर यह भी है कि आज विपक्षी दलों की ओर से ना सिर्फ संयोजक पद की घोषणा की जायेगी, बल्कि पीडियाट्रिक डेमोक्रेटिक एलायंस का अपना वार रुम भी तैयार किया जायेगा. इस वार रुप का उपयोग भाजपा के प्रचार के मुकाबले विपक्षी दलों की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जायेगा. ध्यान रहे कि भाजपा के प्रचार के आगे कई क्षेत्रीय दल अपने आप को असहज पाते थें, भाजपा इसी वार रुम का प्रयोग कर अपने पाप को भी धर्म के रुप में प्रचारित प्रसारित करने में सफल रहती थी. अब जब की विपक्ष का भी एक अपना वार रुम होगा, तब उनके लिए भाजपा के इस दुष्प्रचार का मुकाबला करने में आसानी होगी.
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