Patna- राजस्व और भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता के द्वारा 480 कर्मियों का तबादला रदद् करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की है. दावा किया जा रहा है कि इस मुलाकात से सीएम नीतीश ने राजद जदयू के बीच एकजुटता का संदेश दिया है, इसके साथ ही किन परिस्थितियों में आलोक मेहता के फैसले को बदला गया, उस पर चर्चा भी कर ली गयी. दोनों के बीच करीबन 15 मिनट की बातचीत हुई है.
ध्यान रहे कि पिछले 15 दिनों से इस स्थानान्तरण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था, दावा किया जा रहा था कि महागठबंधन के कई विधायक भी इस स्थानान्तरण में गडबड़ियों की शिकायत कर रहे थें, उनका आरोप था कि स्थानान्तरण में उनकी नहीं सुनी नहीं गयी, उनके मनमाफिक अधिकारियों को उनके क्षेत्रों में भेजा नहीं गया. खबर यह है कि जैसे ही सीएम नीतीश को इस बात की जानकारी मिली की इस स्थानान्तरण के कारण विधायकों में नाराजगी है, तुरंत वह एक्टिव हो गये और आलोक मेहता से स्थानान्तरण की पूरी फाइल मंगवा ली, और 480 कर्मियों का स्थानान्तरण रद्द कर दिया गया. इस आदेश को रद्द करने के बाद वह राबड़ी आवास भी पहुंचे जहां राजद सुप्रीमो से उनकी 15 मिनटों की मुलाकात चली. यह मुलाकात इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आलोक मेहता को लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता है.
राजद विधायकों ने भी की थी आलोक मेहता की शिकायत
यहां यह भी ध्यान रहे कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की उपस्थिति में राजद की बैठक के दौरान भी कई विधायकों ने आलोक मेहता की शिकायत की थी, जिसके बाद खुद तेजस्वी यादव ने आलोक मेहता से कहा था कि आपके विरुद्ध शिकायत है कि आप विधायकों तक का फोन नहीं उठाते हैं, और यह शिकायत सिर्फ राजद विधायकों की नहीं है, महागठबंधन के कई दूसरे विधायक भी इसी प्रकार की शिकायत कर रहे हैं. हालांकि वह मामला सिमट गया, लेकिन यह बात सामने आ गयी कि आलोक मेहता राजद सहित महागठबंधन के किसी भी विधायक को ज्यादा भाव नहीं देते हैं, और स्वतंत्र रुप से फैसला लेते हैं, शायद उनकी यही कार्यशैली भी है. लेकिन अब जब 2024 का महामुकाबला सामने खड़ा है, तेजस्वी और नीतीश विधायकों को नाखुश करने का जोखिम लेना नहीं चाहते.
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