चीन ने अमेरिका में मचाया भूचाल, टेक कंपनियां हो गई बर्बाद, क्या है AI DeepSeek जिसने ट्रंप को डाल दिया परेशानी में
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टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : यूं तो चीन अपने कारनामों से पूरी दुनिया में तहलका मचाते रहता है. ऐसे में एक बार फिर चीन अपने इन्हीं कारनामों के कारण सुर्खियों में है. इतना ही नहीं, चीन के कारण अमेरिका को सबसे बड़ा झटका लगा है. अमेरिका के कई दिग्गज कंपनियों की नींद उड़ गई है. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में दोबारा से राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने भी चेतावनी जारी कर दी है.
दरअसल, चीन के एआई (AI) चैटबॉट DeepSeek (डीपसीक) की अचानक पॉप्युलेरिटी से AI प्लेटफॉर्म्स ChatGPT सहित Google Gemini और Meta बुरी तरह लड़खड़ा गया है. अमेरिका के कई दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर भी धड़ाम से गिर गए हैं. एक तरफ जहां चीन को अपने इस नए एआई प्लेटफ़ॉर्म से फायदा हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका को कुछ ही दिनों में अरबों डॉलर का नुकसान हो गया है. ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस चीनी टेक्नोलॉजी को लेकर चेतावनी जारी कर दी है. वहीं, कई देशों ने तो इसके सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए इसे अपने देश में बैन तक कर दिया है. वहीं, हर किसी के मन में चीन के इस AI प्लेटफ़ॉर्म डीपसीक (DeepSeek) को लेकर कई सारे सवाल भी उठ रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर अब ये क्या चीनी बला है.
क्या है DeepSeek
ChatGpt की तरह ही हाल ही में चीन के AI स्टार्टअप DeepSeek ने दो नए मॉडल DeepSeek R1 और DeepSeek V3 को रिलीज किया है. जिसके बाद से AI प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स DeepSeek को काफी पसंद कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि DeepSeek अमेरिकी AI कंपनी ChatGpt सहित Google के AI Gemini और Meta से भी ज्यादा बेहतर है. इतना ही नहीं, DeepSeek प्ले स्टोर पर सबसे ज्यादा तेजी से डाउनलोड होने वाला फ्री एप्प भी बन गया है. इसकी पॉप्युलेरिटी इतनी हो गई है कि Chatgpt और बाकी AI प्लेटफॉर्म्स इससे पीछे हो गए हैं.
क्यों हो रही है चर्चा
चीन का यह AI असिस्टेंट DeepSeek बिल्कुल ChatGpt की तरह ही काम करता है. लेकिन इसमें खास बात यह है कि यह यूजर्स के लिए बिल्कुल फ्री है. इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को किसी तरह का सब्स्क्रिप्शन नहीं लेना पड़ेगा. यहां तक कि बाकी AI प्लेटफॉर्म्स की तरह ये लिमिटेड फ्री एक्सेस नहीं देगा यानी की यूजर्स फ्री में DeepSeek का इस्तेमाल अनलिमिटेड कर सकते हैं. इसलिए यूजर्स इसे काफी पसंद कर रहे हैं.
क्यों अमेरिका में मचा है बवाल
दरअसल, DeepSeek इस लिए पॉप्युलर हो रहा है क्योंकि, इसे OpenAI के ChatGpt से भी कम लागत में व कम चिप्स का इस्तेमाल कर बनाया गया है. चीन के AI स्टार्टअप ने DeepSeek को बनाने में सिर्फ 6 मिलियन डॉलर का खर्च किया है जो अमेरिकी कंपनियों द्वारा किए गए इंवेस्ट का नाममात्र है. ऐसे में बहुत ही कम समय में कम लागत व कम चिप्स का उपयोग करने वाली यह कंपनी पहली हो गई है और ChatGpt को पीछे छोड़ते हुए टॉप रैंक वाली एप्लीकेशन बन गई है.
DeepSeek से खतरा
चीनी AI प्लेटफ़ॉर्म DeepSeek को खतरा बताया जा रहा है. जिसकी वजह है इस प्लेटफ़ॉर्म की प्राइवेसी पॉलिसी. कई विशेषज्ञों ने इसका इस्तेमाल करने के लिए चेतावनी दी है. क्योंकि, DeepSeek के प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, यूजर्स का पर्सनल डेटा व यूजर्स द्वारा दिए गए व्यक्तिगत जानकारी को DeepSeek चीन में स्थित सर्वरों पर स्टोर करता है, जो चीनी सरकार की पहुंच में हो सकता है. ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इटली सहित कई देशों ने तो चीन के DeepSeek को प्ले स्टोर पर ही जगह नहीं दी है. वहीं, डेटा लीक होने और प्राइवेसी को देखते हुए ही कई कंपनियों और सरकारी एंजेंसी ने अपने वर्कप्लेस में चीनी AI चैटबॉट DeepSeek पर बैन लगा दिया है.
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