छपरा(CHAPRA): छपरा शराब त्रासदी के गुनाहगारों को सारण पुलिस की एसआईटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले का मास्टरमाइंड राजेश सिंह उर्फ होमियोपैथिक डॉक्टर सहित पांच अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. पकड़ा गया गिरोह होमियोपैथिक दवाओं में रसायन और चीनी जलाकर मिलावटी शराब का निर्माण करता था. गिरोह का एक सदस्य खुद जहरीला शराब पीकर बीमार पड़ा था. जिसको इलाज कराकर लौटने के बाद एसआईटी की टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर विषाक्त शराब कांड का खुलासा कर दिया.
जानिए कैसे बन रहा था जहरीली शराब
एसपी सारण ने बताया कि इसुआपुर , मशरक सहित पांच प्रखंडों में तबाही का मंजर पैदा करने वाले शराब कांड में निर्माता, आपूर्तिकर्ता जलालपुर थाना क्षेत्र के नूननगर काही निवासी अशोक प्रसाद के पुत्र राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर को इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोयला गाँव निवासी होती महतो के पुत्र संजय महतो के इकबालिया बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद खुलासा हुआ कि राजेश सिंह जो पूर्व में शराब के अवैध कारोबार में लिप्त होने के कारण जेल जा चुका है और उसे स्प्रिट के उपयोग की अच्छी जानकारी है. उसने उत्तरप्रदेश में स्थापित होमियोपैथिक दवा कंपनियों से 90 प्रतिशत अल्कोहल वाले दवाओं को फर्जी नाम पते के साथ छपरा मंगवाना शुरू किया. अपने गिरोह के सदस्य मढ़ौरा थाना क्षेत्र के तकीना गाँव निवासी जयनाथ राय के पुत्र शैलेन्द्र राय, खैरा थाना क्षेत्र के धुपनगर धोबवल गाँव निवासी मुक्तिनाथ गिरी के पुत्र सोनू कुमार गिरी और इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोयला गाँव निवासी शंकर महतो के पुत्र अर्जुन महतो और होती महतो के पुत्र संजय महतो के साथ मिलकर उत्पादन कर उसे पहले से संचालित शराब के धंधे में शामिल कर दिया. लेकिन शराब निर्माण में हुई चूक से होमियोपैथिक शराब विषाक्त हो गई और उससे दर्जनों लोग प्रभावित होकर बीमार पड़ने लगे और कई लोगों की संदेहास्पद परिस्थितियो में मौत का मामला भी सामने आने लगा. मामले के उद्भेदन के लिए एसआईटी का गठन सोनपुर के एसडीपीओ एएसपी अंजनी कुमार के नेतृत्व में किया गया और सबसे पहले संजय महतो जो खुद इसी विषाक्त शराब को पीकर बीमार पड़ गया था. उसके इलाज कराकर लौटने के बाद अनुसंधान की कई कड़ियों का अध्ययन करके उसे हिरासत में लिया गया और उसके बाद उसकी निशानदेही पर होमियोपैथिक दवा के सैकड़ो खाली बोतलों को बरामद करते हुए मास्टरमाइंड राजेश उर्फ डॉक्टर सहित गिरोह के अन्य सदस्यों तक टीम पहुंची और शराब कांड के गुनहगार को गिरफ्तार कर लिया गया.
बता दें कि इसी जहरीली शराब की वजह से छपरा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. वहीं अभी भी कई लोगों का इलाज चल रह है. इसी जहरीली शराब से हुई मौत का जांच करने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC ) की टीम भी छपरा पहुंची थी. जहरीली शराब हुई मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में NHRC ने नोटिस जारी किया था. NHRC की टीम बिहार के अन्य जिलों में जाकर जांच कर रही है. बिहार में 2016 से शराब बेचना और पिन प्रतिबंधित है. लेकिन इसके बावजूद इतने दिनों से यहां शराब का अवैध धंधा हो रहा था लेकिन प्रशासन को इसकी भयानक तक नहीं थी.
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