भागलपुर(BHAGALPUR): चार दिवसीय चैती छठ महापर्व की शुरुआत आज यानि 12 अप्रैल से शुरू हो गया है. आज नहाय खाय है. आज चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्ज़ी का खाने का विशेष महत्व है. व्रती काफ़ी शुद्धता से ये प्रसाद तैयार करती हैं. फिर पूरा परिवार इस प्रसाद को ग्रहण करता है. और इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. 13 को खरना 14 को अस्ताचलगामी अर्घ्य व 15 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण के साथ छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा. पंडित प्रहलाद झा ने बताया कि छठ महापर्व में नहाय - खाय व खरना का व्रत का विशेष महत्व है. शुक्रवार को नहाए खाए का अनुष्ठान है. पंडित सोनू झा ने बताया कि सनातन धर्म में चैती छठ का विशेष महत्व है. साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है. पहला चैत्र मास में और दूसरे कार्तिक मास में. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्टि तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है.
वहीं आज भागलपुर के विभिन्न घाटों पर चैती छठ के उपलक्ष पर भारी भीड़ देखी गई. काफ़ी संख्या में व्रती गंगा स्नान क्रेन पहुँची थीं. वहीं भीड़ की संभावना को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य के लिए विभिन्न छठ घाटों पर गोताखोर एवं आपदा मित्र की प्रतिनियुक्ति की गई है.
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