झारखंड के अंचल और ब्लॉक कार्यालय में घूसखोरी, सीएम की भी नहीं सुन रहे अधिकारी या चल रहा कुछ और खेल!

रांची(RANCHI): झारखंड और लूट का पुराना नाता है. सरकार बदलती रहती है लेकिन सरकारी दफ्तर की सूरत नहीं बदलती. आम जनता को खुलेआम अधिकारी लूटते रहते है. यह बात अलग है कि इस बार सीएम सख्त है, एजेंसी कार्रवाई कर रही है. लेकिन अधिकारी तो अधिकारी है वह किसकी सुनते हैं. सोचते है खुद सीएम साहब थक कर चुप हो जाएंगे. तभी को बार-बार सीएम साहब भी खुलेमंच से बोल रहे हैं. जो घूसखोरी करेंगे सभी BDO और CO को जेल भेज देंगे
दरअसल झारखंड में हेमंत 2.0 में कई बदलाव देखने को मिले. पिछले हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में कई भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे. जिसे देखते हुए हेमंत सोरेन अपनी नई सरकार में ज्यादा सख्त दिखे. अधिकारियों की क्लास लगानी शुरू कर दी. नई सरकार में हेमंत सोरेन नहीं चाहते कि किसी तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे. यही वजह है कि बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में रणनीति तय की गई जिससे जनता का काम बेहतर तरीके से हो सके.
अगर देखें तो सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद भी अंचल दफ्तरों से भ्रष्टाचार की तस्वीरें सामने आती रही है. जिसके बाद राज्य में एजेंसी सक्रिय हुई. कई अंचल और ब्लॉक से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी पर कार्रवाई भी हुई. हाल ही में पलामू से अंचल राजस्व कर्मचारी और फिर एक बिजली विभाग से जुड़े मामले में वीडियो वायरल हुआ. ऐसे में अब सभी पर कार्रवाई की गई. लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई. चर्चा है कि वापस से कुछ दिनों में फिर पोस्टिंग देने की भी तैयारी है.
अब इस हाल को देख कर ऐसा ही लगता है कि सीएम साहब सच में भ्रष्टाचार को खत्म करने में लगे है. या जनता को खुश करने के लिए बस मंच से ऐसे भाषण का इस्तेमाल कर रहे है. अगर सूबे के मुखिया राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते है तो दागी अधिकारियों पर ऐसी कार्रवाई कीजिए जिससे एक नजीर पेश हो और फिर जनता को परेशान करने वाले अधिकारी ऐसा काम करने से पहले सोचे कि अगर जनता को परेशान किया तो नौकरी खतरे में पड़ सकती है.
रिपोर्ट-समीर
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