रांची(RANCHI): झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से JSSC-CGL की परीक्षा खत्म होने के बाद छात्र कई आरोप लेकर छात्र खड़े होने लगे है. छात्र सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे है. छात्रों के आरोप पर अब JSSC ने अपना पक्ष रखा है. साथ ही आयोग ने सील खुले होने की बात को स्वीकार किया है. आयोग का मानना है कि सील खुला रह सकता है, लेकिन सील खुला रहने का मतलब पेपर लीक होना नहीं है.
JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार की ओर बताया गया कि परीक्षा को लेकर कुछ गलतफहमी फैली हुई है. जिसे दूर करना संस्था का दायित्व है. झारखण्ड के सभी 24 जिलों में 823 परिक्षा केंद्र मे परीक्षा हुई.
823 परीक्षा केंद्रों पर 10917 कक्षा थे जिसमें कुल 26671 शिक्षक नियुक्त किए गए थे. परीक्षा में आयोग के अनुसार जिला प्रशासन ने 824 स्टैटिक दंडाधिकारी 857 परीक्षा केंद्र पर और 415 गस्ती दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी. 24 जिलों में एक-एक मॉडल पदाधिकारी और एक-एक भोजपुरी प्रभारी की नियुक्ति थी.
सभी पांच कृषि गोपनीय सामग्रियों की निगरानी के लिए लाइव सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था, इसके लगातार निगरानी की जा रही थी. 823 परीक्षा केंद्र के अधीक्षक कक्ष कंट्रोल रूम में भी कैमरे लगाए गए थे. जिसके माध्यम से आयोग कार्यालय में बने कंट्रोल रूम हर बारीकी पर नजर रखे हुए थे.
परीक्षा संबंधित को अपने तमाम चीजों को परीक्षा के दिन बजट कृषि से परीक्षा केंद्र तक्षशिला मॉडल ट्रक के घेरे में पहुंचाया गया. ट्रक का छत विशेष रूप से एक टेंपल पैकेट में सील किया गया था. इसके बाद सभी चाबियों के पासवर्ड प्रोटेक्टेड में सील किया गया. ट्रक में भी जीपीएस लगा हुआ था, जहां पर ओपन होगा वहां की तमाम जानकारी आयोग के पास पहुंची है. प्रश्न पत्र को टेंपरेरी पेंट पैकेट में सील किया गया था, इसका सेल परीक्षा कक्षा में पांच उम्मीदवारों के सामने खोला गया. इस दौरान परीक्षा पत्र की पैकेट को लगभग एक लाख उम्मीदवारों के सामने खोला गया है, सभी केंद्रों पर परीक्षा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हुई है.
प्रश्न लीक ना हो इसे लेकर विशेष तैयारी की गयी थी. पहले चार अलग-अलग प्रश्न पत्र प्रिंट कराया गया. उसके बाद फिर अलग प्रिंट कराया गया. किसी को जानकारी नहीं थी कि कौन सा पेपर प्रिंट कराया गया है. साथ ही जिस जगह पर प्रिंट हुआ उसे भी जानकारी नहीं थी कि यह प्रश्न कौन प्रिंट करा रहा है, किस परिक्षा का है. यह किसी को जानकारी नहीं है.
JSSC के चेयरमैन प्रशांत कुमार ने परीक्षा पेपर लीक के सवाल पर जवाब दिया कि किसी के पास कोई जानकारी हो साक्ष्य हो तो आयोग के पास जमा करें. आरोप लगाने के से कुछ नहीं होगा. जिसके पास भी सबूत हो तो आयोग के पास दे उसकी जांच की जाएगी.
रिपोर्ट-समीर हुसैन
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