रांची/पटना : बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है. बिहार में राजनीतिक दल चुनावी मोड में है. मोड ही नहीं बल्कि बिहार का मूड भी धीरे-धीरे बनता जा रहा है. बिहार में दो गठबंधन है. एक नीतीश कुमार जिसके नेता हैं यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस. दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाला अलायंस है. इधर एनडीए फोल्डर से बड़ी खबर आई है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसके आधार पर भविष्य की राजनीति समझी जा सकती है.
एनडीए के लिहाज से क्या नया कुछ आया है
पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में चेहरे को लेकर कुछ स्पष्ट बयान नहीं दिया था. उन्होंने कहा था कि मिल बैठकर इस पर निर्णय होगा. उसके बाद से मीडिया में तरह-तरह की बात चलने लगी ऐसा माहौल बनने लगा कि नीतीश कुमार अब पलटे की तब पलटे. पुराने इतिहास के आधार पर लोगों को थोड़ा बहुत विश्वास भी होने लगा था. लालू यादव की तरफ से ऑफर भी आ गया था. लेकिन फिर सब मामला शांत हो गया. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को समझ में आ गया कि ज्यादा कुछ इधर-उधर हुआ तो मामला गड़बड़ा सकता है. बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा इस राज्य में सहयोगी दल के रूप में है. जनता दल का छोटा भाई बनकर ही रह रहा है, जबकि उसकी ऊंचाई भी अधिक है.
अब जानिए नया क्या है
अब भाजपा खुल कर बोलने लगी है कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही नेतृत्वकर्ता होंगे. उनके ही नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और मुख्यमंत्री का चेहरा भी नीतीश कुमार ही होंगे. बिहार भाजपा के सह प्रभारी दीपक प्रकाश ने साफ तौर पर कह दिया है कि कहीं कोई इसमें संदेह नहीं है. नीतीश कुमार ही बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा होंगे. एनडीए जबरदस्त बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आएगा. नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे.
भाजपा के पास अकेले लड़ने का साहस नहीं
बिहार विधानसभा का चुनाव भाजपा अकेले लड़ने का साहस नहीं जुटा पाती है सामाजिक समीकरण के लिए लिहाज से भाजपा को जदयू का साथ राजनीतिक रूप से फायदेमंद साबित होता है. वैसे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भाजपा भी यहां पर संगठनात्मक रूप से मजबूत है. परंतु नीतीश कुमार का चेहरा बड़ा और विश्वसनीय माना जाता है बिहार की जनता नीतीश कुमार को पसंद करती है. उनके कामकाज की तारीफ होती है.
4+