रांची(RANCHI)- झारखंड प्रतियोगी परीक्षा 2023 को लेकर भाजपा विधायकों का राजभवन दौरे पर कांग्रेसी विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने तंज कसते हुए कहा है कि आखिरकार भाजपा अपना हेडक्वार्टर पहुंच गयी, एक तरह सरकार की ओर से तीन विधेयकों पर आपत्तियों की मांग की गई है, लेकिन इस महत्वपूर्ण अवसर पर भी सदन से सारे भाजपा विधायक गायब हैं, सदन में रहने के बजाय वे हेडक्वार्टर का दौरा कर रहे हैं.
दीपिका पांडेय ने भाजपा पर राजभवन का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि राजभवन को निरपेक्ष होने चाहिए, लेकिन भाजपा की कोशिश उसे अपना मुख्यालय बनाने की है. बात-बात में सरकार के विरोध में राजभवन को घसीटा जाता है. हालांकि राजभवन में अपनी शिकायत दर्ज करवाने के बाद सारे भाजपा विधायक सदन में लौट आयें. और सदन की कार्यवाही शुरु होते ही हंगामा मचाने लगे.
पहले भी हेमंत सरकार के कई विधेयकों को वापस लौटा चुकी है राजभवन
यहां बता दें कि हेमंत सरकार के कई विधेयकों को राजभवन के द्वारा पहले भी वापस लौटाया जा चुका है, जिसके कारण झामुमो की ओर से राजभवन पर निशाना साधा जाता रहा है. झामुमो का दावा है कि राजभवन भाजपा के इशारे पर इन विधेयकों को लौटा रहा है और राजभवन की आड़ में राजनीति कर रहा है. भाजपा की कोशिश हेमंत सरकार के आदिवासी-मूलवासियों से जुड़े सभी विधेयकों को बाधित करने की है, खुद सीएम हेमंत सोरेन भी कई अवसरों पर राजभवन की भूमिका पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
राजभवन से वापस किये गये सारे विधेयकों को वापस राजभवन भेजने की तैयारी में है हेमंत सरकार
हेमंत सरकार उन सभी विधेयकों को एक बार फिर से राजभवन भेजने की तैयारी में है, जिसे आपत्तियों के साथ राजभवन से लौटाया गया है. इसमें पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का विस्तार, मॉब लीचिंग विधेयक और खतियान आधारित स्थानीय नीति का विधेयक भी है. अब एक बार झारखंड प्रतियोगी परीक्षा 2003 के विरोध में भाजपा विधायकों के राजभवन दौरे को भी झामुमो की ओर से संदेह की नजर से देखा जा रहा है.
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