बिहार: बिहार के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह शुक्रवार को बाढ़ कोर्ट में सरेंडर करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए है. लेकिन मोकामा फायरिंग को लेकर नीतीश सरकार पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में अपराध आदत और भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है. मोकामा कांड पर उन्होंने नीतीश कुमार को घेरा है. पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश सरकार से पूछा है कि किस शूटर गैंग का सरकार समर्थन कर रही है. पूछा है कि शूटरों को इतनी आजादी कैसे मिली कि खुलेआम एक दूसरे को "मार" रहे है. बता दे कि शुक्रवार को अनंत सिंह ने सरेंडर कर दिया. उन्हें न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने सोनू समेत दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
अनंत सिंह के खिलाफ सोनू -मोनू की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी
अनंत सिंह के खिलाफ सोनू -मोनू की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी. पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर सोनू- मोनू के घर पर फायरिंग का आरोप है. इसके अलावा थानेदार के बयान पर भी एक एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें अनंत सिंह पर पुलिसकर्मियों से धक्का मुक्की करने का आरोप है. बुधवार दोपहर को अनंत सिंह और सोनू -मोनू गैंग के बीच भिड़ंत हो गई थी. जिसमें कई राउंड गोलियां चलाई गई थी. गोलीबारी के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया था. भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. शुक्रवार को ही इस मामले में अनंत सिंह के एक समर्थक रोशन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया. वहीं दूसरे पक्ष से सोनू सिंह को भी अरेस्ट कर लिया गया है. अनंत सिंह की गिनती बाहुबली में होती है. वह मोकामा से लगातार पांच बार विधायक रह चुके है.
लोअर कोर्ट से सजा हुई थी लेकिन हाई कोर्ट से बरी हो गए थे
अनंत सिंह को साल 2022 में एके -47 समेत अन्य हथियार रखने के केस में लोअर कोर्ट से 10 साल की सजा हुई थी. इसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था और विधायकी भी चली गई थी. इस वजह से हुए उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर चुनाव लड़ी और जीत गई. पिछले साल जब बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ तो नीलम देवी आरजेडी को छोड़कर जदयू के खेमे में आ गई. अनंत सिंह पिछले साल 16 अगस्त को जेल से निकले थे. उन पर आर्म्स एक्ट सहित कई मामले दर्ज थे और उन्हें बेउर जेल में रखा गया था. सिविल कोर्ट से उन्हें 10 साल की सजा हुई थी लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. लेकिन एक बार फिर उन्हें जेल के सलाखों के पीछे जाना पड़ा है. यह भी कहा जा रहा है की अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी थी. इसकी भनक लगने के बाद उन्होंने सरेंडर करने का निर्णय लिया. जेल जाने के पहले उन्होंने कहा कि कोई उन पर एफआईआर किया है तो नियम का पालन तो करना पड़ेगा. इसलिए उन्होंने सरेंडर कर दिया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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