कैमूर(KAIMUR):बिहार के कैमूर जिले से सरकारी योजना में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है.जहां दुर्गावती थाना क्षेत्र के कर्णपुरा में बाबा परमारथ पोखर का जीर्णोद्धार करने के लिए लघु जल संसाधन विभाग की तरफ से 73 लाख का प्राकलन तैयार हुआ और 16 जनवरी को 2024 को तत्कालीन रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने शिलान्यास किया था, जिसे 21 मई 2024 तक पूरा कर लेना था,लेकिन समय बीतने के बाद भी कार्य धरातल पर पूरा नहीं हुआ और समय बीतने के बाद जिलाधिकारी ने जब स्थल का जांच किया तो पाया डेढ़ मीटर की खुदाई की जगह 1 मीटर से भी कम खुदाई पाई गई और जो सीढी बनाई गई थी उसमें दो माह के अंदर ही दरारे उभरने लगे.जिलाधिकारी कार्य करा रहे एजेंसी के वेतन पर रोक लगाने और मानक के अनुरूप काम नहीं होने पर संवेदक को ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश लघु जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी को दिया था,लेकिन काम मानक के अनुरूप नहीं होने पर भी जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद काम करा रही एजेंसी को विभाग ने 50% का भुगतान कर दिया है.
डीएम ने जांच में किया खुलासा
ग्रामीणों का कहना कि इस पोखरा की जांच जिलाधिकारी करने आए थे.कार्य 21 मई 2024 को ही समाप्त हो गया है. संवेदक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के मिली भगत से लूट मचाये है, 1 मीटर से भी कम खुदाई किया गया है.चेंजिंग रूम भी गलत बनाया गया है,जबकि समय अवधि बीत चुका है. उसका सीढी भी फट रहा है. इसमें बड़े स्तर को घोटाला हुआ है.हम मांग करेंगे इस घोटाले का जांच हो और जो भी इसमें ठेकेदार पदाधिकारी नेता शामिल हो उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जल संसाधन विभाग के एसडीओ अंजू कुमारी ने कहा कि डीएम सर ने निरीक्षण किया था.कमियां पाई गई थी साफ-सफाई को लेकर बताया गया था. चेंजिंग रूम का डायरेक्शन गलत है. उन सभी बिंदुओं पर कार्य किया जा रहा है. एजेंसी का 50% राशि भुगतान कर दिया गया है.डेढ़ मीटर गड्ढा करना है लेकिन उतना गड्ढा किया जा चुका है. ठेकेदार की लापरवाही से योजना पूर्ण नहीं हुई है. समय अवधि विस्तार के लिए योजना जाएगा , चार से पांच दिन में पूर्ण करा लिया जाएगा.
निर्देश के अनुरुप एजेंसी ने नहीं किया काम
कैमूर जिला अधिकारी सावन कुमार ने बताया करणपुरा में परमारथ नाथ पोखर का जीर्णोद्धार 75 लाख की लागत से लघु जल सिंचाई विभाग से तालाब का सौंदर्यी करण का कार्य स्वीकृत किया गया है. उसी के जांच के क्रम में पाया एक मीटर भी खुदाई वहां नहीं किया गया है. जो चेंजिंग रूम है गलत डायरेक्शन में बन रहा है. उसके छत का ढलाई भी नहीं किया गया है. सिर्फ ईट पर खड़ा कर दिया गया है.सीढी में भी कई जगह दरारें उभर गई है.जबकी इसको बने दो महीने भी नहीं हुए हैं.पूरी तरह से कार्य में लापरवाही बरता जा रहा है.कार्य से पहले भी वहां निरीक्षण किया था.इसलिए संयोजक के भुगतान पर रोक लगाई है.सहायक अभियंता को भी बोला गया था कि मानक अनुरूप काम नहीं होने पर विभाग को लिखा जाएगा. एजेंसी बढ़िया काम नहीं करेगी तो उसको ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा.
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