Ranchi-पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से एसटी-एसी एक्ट के तहत ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने फिलहाल पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है, इस फैसले के बाद ईडी अधिकारियों के उपर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार फिलहाल दूर हो गयी है. यहां ध्यान रहे कि 31 जनवरी को भुंईहरी जमीन मामले में अपनी गिरफ्तारी के पहले हेमंत सोरेन ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ एसटी-एसी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था. उनका आरोप था कि उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान ईडी अधिकारियों की ओर से उन्हे मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया. और इसके बाद एसटी-एसी एक्ट के तहत इन अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी और इसी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए ईडी की ओर से हाईकोर्ट से इस मामले में राहत की मांग की गयी थी. अब इस फैसले के बाद ईडी अधिकारियों का पूरा फोकस अपने कामकाज पर रहेगा, और इधर इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होती रहेगी.
भुईहरी जमीन पर कब्जे का दावा
यहां हम यह भी बता दें कि पूर्व सीएम हेमंत पर एक भुईंहरी जमीन पर कब्जा करने का आरोप है, दावा किया जाता है कि इस जमीन पर उनकी ओर से बाउड्री का निर्माण करवाया जा रहा था, हालांकि खुद हेमंत सोरेन और झामुमो की ओर से ईडी से इस कथित जमीन पर कब्जे को लेकर ईडी के साक्ष्य की मांग की जाती रही है, हेमंत सोरेन ने यह दावा भी किया था कि यदि यह सिद्घ हो जाय कि उक्त जमीन उनका है, तो वह सिर्फ राजनीति से ही सन्यास ही नहीं लेंगे, बल्कि झारखंड को भी अलविदा कर चले जायेंगे. दावा किया जाता है कि इसी मामले में कानूनी सलाह लेने के लिए दिल्ली गये थें, लेकिन जैसे ही ईडी को इस बात की भनक लगी कि हेमंत सोरेन दिल्ली में मौजूद हैं, उनके दिल्ली आवास पर छापेमारी शुरु हो गयी. उनका चार्टेड प्लेन भी जब्त कर लिया गया, और हेमंत सोरेन को सड़क मार्ग से रांची लौटना पड़ा.
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