टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- पूरे देश में आज छह विधान सभा उपचुनावों पर गिनती जारी है, इन में से त्रिपुरा की दो सीटों पर अब तक भाजपा विजय पताका फहरा चुकी है, और उतराखंड के बागेश्वर विधान सभा पर वह बढ़त बनाये हुए है. जबकि केरला की पुथापुल्ली सीट पर कांग्रेस, पच्छिम बंगाल की डुमगुरी विधान सभा की सीट से तृणमूल, यूपी की घोसी सीट से सपा और झारखंड से आजसू उम्मीदवार की बढ़त बरकरार है.
लेकिन सबसे अधिक दिलचस्प स्थिति झारखंड के डुमरी विधान सभा की है, जहां से इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार बेबी देवी की जीत पकी मानी जा रही थी, लेकिन 14 वें राउंड की गिनती होने तक आजसू की यशोदी देवी बड़े अन्तर से बेबी देवी को शिकस्त देती नजर आ रही है.
यहां बता दें कि दूसरे राउंड की गिनती तक यशोदा देवी अपने निकतम प्रत्याशी बेबी देवी से आगे चल रही थी, लेकिन चौथा राउंड में बेबी देवी ने यशोदा देवी को पीछे धकेल दिया, लेकिन यह बढ़त बरकरार नहीं रही और पांचवे राउंड आते आते यशोदा देवी ने एक बार फिर से 1130 मतों से बढ़त हासिल कर लिया.
डुमरी उपचुनाव के नतीजे रामगढ़ विधान सभा उपचुनाव की याद ताजा करवाता दिख रहा है, दूसरे राउंड की गिनती तक आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी अपने निकतम प्रत्याशी बेबी देवी के आगे चल रही थी. लेकिन चौथा राउंड आते आते बेबी देवी ने एक बार अपनी पकड़ बना लिया और इस प्रकार वह जीत की ओर बढ़ती हुई दिखलाई देने लगी है.
हालांकि अभी इसे जीत का ट्रेंड कहना मुश्किल है, लेकिन जिस प्रकार से रामगढ़ उपचुनाव में विजय पताका फहराकर आजसू ने झारखंड की राजनीति में इस बात रेखांकित कर दिया था कि बगैर उसके भाजपा का जीत के करीब भी पहुंचना मुश्किल है, उसको देखते हुए यह प्रारम्भिक बढ़त भी इंडिया खेमें में बेचैनी ला सकता है, और यदि यह बढ़त वाकई जीत की ओर अग्रसर होता है, तो आने वाले दिनों में यह भाजपा के लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है, इस जीत के बाद ना सिर्फ आजसू का हौसला आसमान पर होगा, बल्कि पर आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पर कठोर शर्ते लागू करनी की हैसियत में होगा और यही स्थिति भाजपा नहीं चाहती. भले ही वह आजसू के साथ हो, लेकिन उसकी आंतरिक कोशिश आजसू को छोटा प्लेयर बनाने रखने की है, लेकिन जीत दर जीत हासिल कर आजसू यह संकेत देने की कोशिश रही है कि वह झारखंड की राजनीति में भाजपा से बड़ा खिलाड़ी है और यदि भाजपा को झारखंड में आगे की रणनीति करनी है, झारखंड की कुर्सी तक पहुंचना है तो उसे आजसू की शर्तों पर चलना ही होगा, और सुदेश महतो के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा. फिलहाल भाजपा इस मनोस्थिति के तैयार नहीं दिखती, उसकी सोच आज भी रघुवर दास की रणनीति पर चलने की है, जो अपने दम पर झारखंड की राजनीति में कमल खिलना चाहती है.
पचंबा बाजार समिति परिसर में हो रही है गिनती
ध्यान रहे कि मतदान के लिए पचंबा बाजार समिति परिसर में मतगणना केंद्र बनाया गया है. 24 राउंड की गणना के बाद छह प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा. पांच सितम्बर को यहां करीबन 65 फीसदी वोटिंग हुई थी.
इनकी किस्मत लगी है दांव पर
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