TNPDESK-सुबह से ईडी की छापेमारी के बाद शाम होते होते आप सांसद संजय सिंह को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया. संजय सिंह पर शराब घोटाले में शामिल रहने का आरोप है. बता दें कि इस छापेमारी पर तंज कसते हुए राजद सांसद मनोज झा ने इसे 2024 के महाजंग की औपचारिक एलान बताया था, उन्होंने कहा था कि पूरे देश को अब इस तरह की चीजों के लिए 24 घंटे तैयार रहना चाहिए. क्योंकि जब तक लोकसभा का चुनाव सम्पन्न नहीं हो जाता, इस तरह की चीजें रोज होती रहेगी, कभी पत्रकारों के बेडरुम को खंगाला जायेगा तो कभी विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों की जुबान बंद करने के लिए उनकी गिरफ्तारी की जायेगी, बहाने अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन उसकी परिणति एक होगी.
संजय सिंह के पिता ने किया था अधिकारियों स्वागत
ईडी अधिकारियों की टीम को अपने आवास देख कर संजय सिंह के पिता ने भरपूर स्वागत करते हुए हर तरह का सहयोग करने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि अधिकारियों की टीम अन्दर है, हम उन्हे हर सहयोग प्रदान कर रहे हैं. वे जहां चाहे छानबीन कर सकते हैं. हम नहीं चाहते कि अधिकारियों को बार-बार आने का कष्ट उठाना पड़े, इसलिए बेहतर होगा कि सारी जांच एक बार ही पूरी कर ली जाय. वह चाहें तो पूरी रात भी छापेमारी कर सकते हैं. हमें कोई दिक्कत नहीं है.
अडाणी के खिलाफ बोलने की सजा
वहीं इस छापेमारी और गिरफ्तारी को अडाणी प्रकरण से जोड़ते हुए आप ने दावा किया है कि यह अडाणी के लूट को सामने लाने की सजा है. अडाणी पर सवाल खड़ा करते ही भाजपा में बौखलाहट छा जाती है, और बिना देरी किये एजेसिंयों को कार्रवाई का फरमान सुना दिया जाता है. और उसके बाद यह देखे बगैर कि साक्ष्य और सबूत हैं या नहीं, छापेमारी की शुरुआत कर दी जाती है, गिरफ्तार कर विरोध के हर आवाज को शंट करने की साजिश रची जाती है. कल पत्रकारों के बेडरुम में छापेमारी और आज संजय सिंह को निशाने पर लेना, दोनों का मकसद एक ही है, वह है भाजपा विरोधी हर आवाज को जमींदोज करना.
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