शेखपुरा (SHEKHPURA): बिहार की सियासत में उठा-पठक का दौर जारी है. चुनाव के पूर्व जदयू पार्टी को एक बड़ा झटका मिला है. जहां एक साथ 40 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के समक्ष उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं. जदयू छोड़कर आरएलजेडी में शामिल होने वालों में पूर्व विधायक और वर्तमान जदयू के जिलाध्यक्ष रणधीर कुमार सोनी के बेहद निकटतम सहयोगी और जिला उपाध्यक्ष एफनी पंचायत के पूर्व मुखिया राजेश रंजन उर्फ गुरु मुखिया शामिल है. इसके साथ ही विनोद कुमार और अन्य बड़े नेता भी शामिल है.
पहले भी नेताओं ने थामा हाथ
इससे पूर्व तकरीबन दर्जन भर नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का हाथ थामा था. विरासत बचाओ यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पटना पहुंचे थे और उन्होंने जनता दल के 17 नेताओं को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. जदयू छोड़कर राष्ट्रीय लोक जनता दल में गया जिले के किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा, किसान प्रकोष्ठ के ही पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राज किशोर सिंह, शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष ई. शशिकांत, पूर्व प्रदेश महासचिव डॉ. संजय कुमार, मंजेश शर्मा समेत 17 नेता शामिल हुए थे.
नीतीश से अलग होकर बनाई थी नई पार्टी
उपेंद्र कुशवाहा ने अपना रास्ता जदयू से अलग कर लिया था, और एक नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी के पद से इस्तीफा भी दे दिया. ऐसा कदम उठाने के पीछे की वजह जो सामने आई वो ये थी कि नीतीश सरकार में कुशवाहा को कोई मंत्री पद नहीं मिला था, और जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो तब भी उनकी अनदेखी की गई. इसके बाद धीरे-धीरे कुशवाहा नीतीश के खिलाफ मुखर होने लगे और बाद में उन्होंने जमकर नीतीश कुमार की आलोचना की थी.
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