टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सात सितम्बर 2022 को कन्याकुमारी से जिस भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हुई थी, आज श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में उसका समापन हो गया. समापन समारोह के दौरान अपने 35 मिनट के संबोधन में राहुल गांधी ने देश के नाम बेहद भावुक अपील की. उन्होंने कहा कि मैं और मेरे पूरे परिवार ने हिंसा देखी है, हिंसा से गुजरा है, उसके सदमे को झेला है, लेकिन मोदी और अमित शाह की जोड़ी के लिए इस दर्द को समझना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उन्होंने कभी कुछ खोया नहीं. लेकिन हमारे साथ ही कश्मीरियों और फौजियों ने भी अपनों को खोने का दर्द सहा है, मोदी-शाह हम सब के इस दर्द को समझ नहीं सकते.
कई रंग में दिखे राहुल गांधी
यहां बता दें कि आज सुबह से श्रीनगर में भारी बर्फबारी हो रही थी, इसके बाद भी लोगों में उत्साह कम नहीं हुआ, हुजूम जुटा रहा, राहुल गांधी भी आज कई रंग में दिखे, कभी अपने अन्दर के अंहकार का जिक्र किया गया, तो कभी भारी बर्फबारी के बीच बहन प्रियंका के साथ बर्फ में खेलते नजर आयें.
उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा में कोई मुश्किल नहीं होगी, मुझे विश्वास था कि मैं काफी वर्जिश करता हूं, लेकिन यात्रा के बाद मेरा यह अंहकार उतर गया. लगने लगा कि 3500 किलोमीटर की यह यात्रा इतनी आसानी से तो पूरी नहीं होने वाली.
कश्मीर के लोंगो ने ग्रेनेड नहीं, मुझ पर अपना प्यार लुटाया
इस यात्रा के दौरान अपने अनुभवों को साझा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा से हमें भारत को समझने में मदद मिली. यात्रा के दौरान हमारी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठे, जम्मू कश्मीर में हमसे कहा गया कि पैदल चलने पर आप पर ग्रेनेड फेंका जायेगा, लेकिन हुआ उल्टा, लोगों ने ग्रेनेड नहीं मुझ पर अपना प्यार लुटाया, बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं ने हमारा खैरमकदम किया
दादी को याद कर भावुक हुए राहुल
बचपन की याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं 14 साल का था. मेरी दादी को गोली मारी गयी, मुझे स्कूल से लाया गया, दादी को देखा, वह खून से लथपथ थी, मां आयी, पापा आयें, मां कुछ बोल नहीं पा रही थी, हमने हिंसा देखी है, लेकिन दूसरी तरह हिंसा करवाने वाले लोग हैं. अपनों को खोने पर दिल में क्या गुजरता है, वह मैं समझता हूं, मेरी बहन समझती है'.
लोगों को तोड़ने वाली राजनीति देश का भला नहीं कर सकती
अपने संबोधन के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि हर हिदुंस्तानी को एकता, शांति और भाईचारा पसंद है, लोगों को तोड़ने वाली राजनीति देश का भला नहीं कर सकती. भारत जोड़ो यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा थी. इस बीच अजान की आवाज सुनते ही संबोधन रोक दिया गया.
रिपोर्ट : देवेन्द्र कुमार, रांची
4+