भागलपुर(BHAGALPUR): बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा के अवसर पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को भागलपुर नाथनगर के सीटीएस मैदान में जलाया जाएगा. लेकिन इस बार रावण के पुतले में बम पटाखा नहीं लगाए जाएंगे. गोलदारपट्टी स्थित रामलीला समिति ने रावण वध कार्यक्रम को लेकर आतिशबाजी की अनुमति मांगी थी. परंतु, एसडीओ धनंजय कुमार ने इस बार आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी है. कुछ महीने पहले काजबलीचक बम धमाके के बाद एहतियात बरतने के लिए आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी गई है.
बता दें कि भागलपुर में दुर्गापूजा पर रावण वध की परंपरा दशकों से होती आ रही है. भागलपुर और भागलपुर के आसपास के कई गांव के लोगों को रावण दहन कार्यक्रम देखने का इंतजार रहता है. कई गांवों के लोग पूरे परिवार के साथ इकट्ठा होकर इस कार्यक्रम में शिरकत करते हैं.
50 से 60 हजार लोगों के जुटने का अनुमान
इस बार रावण दहन कार्यक्रम में करीब 50 से 60 हजार लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान है. प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर रावण दहन कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली है. सीटीएस मैदान में दशमी को हजारों लोगों के बीच रावण दहन किया जा रहा है. 2 साल कोरोना के चलते यह कार्यक्रम बंद था. इस बार ज्यादा भीड़ आने की संभावना है. इसे लेकर सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और प्रशासन की मुस्तैदी विशेष तौर पर की गई है. रावणवध का कार्यक्रम करने की स्वीकृति मिलने के बाद रामलीला समिति के सभी कार्यकर्ता नाथनगर स्थित पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय के मैदान में रावण वध कार्यक्रम को आकर्षक बनाने में जुटे हुए हैं. तैयारी अंतिम चरण पर है.
हसनगंज के कारीगर मथुरा ने तैयार किया पुतला
इस बार रावण के पुतले को बनाने में भागलपुर हसनगंज के कारीगर मथुरा ने अपने साथियों के साथ मिलकर कार्य को अंतिम रूप दिया है. कारीगरों ने बताया कि रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को बनाने में कपड़ा, सुतली, कांटी और बांसों का उपयोग किया जा रहा है. इसे तैयार करने में लगभग एक लाख रुपये का खर्च आया है. बता दें कि इस बार विजयादशमी को रावण दहन भागलपुर जिला के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम करेंगे. इस बार 40 फीट का रावण, 35 फीट का कुंभकरण और 30 फीट का मेघनाथ का पुतला बनाया गया है.
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