टीएनपी डेस्क (TNP DESK)-23 जून को विपक्षी दलों की ज्ञान भवन में प्रस्तावित बैठक के पहले विपक्षी एकता के शिल्पकार सीएम नीतीश कुमार बैक पेन से पीड़ित हो गये हैं. अधिकारियों के द्वारा कई कुर्सियां बदली गयी, लेकिन सीएम नीतीश की कमर की दर्द दूर नहीं हो रही. कमर दर्द की इस शिकायत को देखते हुए सीएम कार्यालय की ओर से सभी प्रस्तावित बैठकों को स्थगित कर दिया है. आज की कैबिनेट की बैठक भी इसी कमर दर्द की भेंट चढ़ गयी है.
कल से ही है कमर दर्द की शिकायत
यहां बता दें कि सीएम नीतीश को कमर दर्द की यह शिकायत कल से ही है, कल ही उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ नेता एम करुणानिधि की जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए चेन्नई जाना था, लेकिन एन वक्त कमर दर्द के कारण उन्हे अपनी यात्रा को रद्द करना पड़ा, जिसके बाद माना जाने लगा था कि सीएम स्टालिन भी अपनी यात्रा को रद्द कर सकते हैं, हालांकि सीएम स्टालिन ने पटना की बैठक में शामिल होने का एलान कर दिया है, उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की अभिरक्षा के लिए वह कलैगनार' (एम करुणानिधि) के एक प्रतिनिधि के रुप में इस बैठक में शामिल होंगे, सीएम नीतीश ने इसके लिए आमंत्रित किया है और हम इस आमंत्रण को स्वीकार कर रहे हैं.
कमर दर्द को राजनीतिक चश्में से देखने की शुरुआत
लेकिन कमर दर्द की इस शिकायत को भी कई हलकों में राजनीतिक चश्मे से देखा जाने लगा है, कुछ लोगों को दावा है कि कई मौके पर जब सीएम नीतीश किसी कार्यक्रम में जाने को इच्छुक नहीं होते हैं तब उनके द्वारा किसी ना किसी बीमारी का हवाला दे दिया जाता है, यह कमर दर्द भी उसी रणनीति का एक हिस्सा है.
कमर दर्द के बहाने विपक्षी दलों के नेताओं का अन्तर्मन को समझने की कोशिश
यहां बता दें कि विपक्षी दलों की इस बैठक में नेताओं का आने का सिलसिला शुरु हो चुका है, कई नेताओं का आगवन हो चुका है, और कई आज शाम या कल सुबह सुबह तक पटना पहुंचने वाले हैं. जानकारों का दावा है कि दरअसल सीएम नीतीश बैठक के पहले नेताओं के मन को टटोलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इस कमर दर्द के बहाने वह एक-एक कर नेताओं से एकांत में वार्तालाप करेंगे. और नेतृत्वकर्ता के रुप में अपनी स्वीकार्यता को समझने की कोशिश करेंगे. इसी फीड बैक के आधार पर वह 23 जून को अपना अंतिम जाल फेकेगें.
हालांकि नीतीश कुमार पीएम पद पर अपनी दावेदारी से लगातार इंकार करते रहे हैं. लेकिन राजनीति घोषित वादों से नहीं, समय को साधने की कला से चलती है, और नीतीश कुमार इसके चैम्पियन माने जाते हैं.
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