पत्थरबाजों को चेतावनी देनेवाले एएसआई को सस्पेंड करने के बाद पसरा नया बखेड़ा, जानिए पूरा मामला

टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : पर्व-त्योहारों में झारखंड ही नहीं, कई प्रदेशों में पत्थरबाजी होने की घटना आम हो गई है. पत्थरबाजी होने की घटना से रामगढ़ जिला भी अछूता नहीं है. यह मामला सड़क से सदन तक गूंजता रहा है. लेकिन इस बार रामनवमी से पहले पत्थरबाजी रोकने का प्रशासनिक प्रयास पर चर्चा तेज हो गई है. इतना ही नहीं, इस मामले पर शहर से लेकर प्रदेश तक सियासत हो रही है. दरअसल मामला रामगढ़ पुलिस का है. इस पर प्रशासनिक चुप्पी भी बयानबाजों को हवा दे रही है.
आप भी जानिए, आखिर क्या है मामला
रामनवमी से पूर्व रामगढ़ में पत्थरबाजी के खिलाफ जनता को जागरुक किया गया. एहतियात को लेकर शहर में प्रशासनिक सहमति पर एनाउंसमेंट कराए गए. इस दौरान यह चेतावनी दी गई कि त्योहारों में पत्थरबाजी करनेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मौके पर कई वर्दीधारी भी मौजूद रहे. एनाउंसमेंट की शिकायत पर अचानक कार्रवाई हुई. यहां के एसपी की ओर से रामगढ़ थाने में पदस्थापित एक एएसआई को लाइन हाजिर किए जाने का मामला सामने आया. फिलहाल सोशल मीडिया में एएसआई के निलंबन का मामला खूब वायरल हो रहा है. लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. एएसआई के निलंबन का सवाल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस पर तरह तरह कि प्रतिक्रियाए दे रहें है.
लाइन हाजिर किए गए रामगढ़ के इस एएसआई के पक्ष में न सिर्फ हिन्दू संगठन आया है, बल्कि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी भी अब आ गए हैं. मरांडी भी एएसआई को सस्पेंड करने का कारण पूछ रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक ओर जहां एएसआई सुजीत सिंह का अनाउंसमेंट करता हुआ वीडियो वायरल हो रहा है, वहीं सोशल मीडिया के विभिन्न पेज और हैंडल्स पर एएसआई के लाइन हाजिर होने की खबर खूब वायरल हो रही है. एएसआई सुजीत सिंह का क्या है गुनाह पूछ रहा है रामगढ़ चर्चा में है.
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी भी अपने ट्विटर हैंडल से कहा है कि जानकारी मिली है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से की गई अपील के कारण रामगढ़ थाने में तैनात एएसआई सुजीत कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है. अपील सुनने के बाद कही से भी ऐसा नहीं लगता है कि एएसआई ने किसी विशेष जाति या धर्म को निशाना बनाकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. यह जानना जरूरी है कि इस पुलिसकर्मी को दंडित करने का कारण क्या था और यह निर्णय किसके निर्देश पर लिया गया. हेमंत सोरेन जी उक्त मामले को संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें. यदि इसी तरह की तुष्टीकरण की राजनीति के चलते कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को दंडित करने की कार्रवाई होती रही, तो समाज में अमन चैन और सौहार्द्र बनाए रखना कैसे संभव होगा?
इधर, आमलोग भी पोस्ट कर एएसआई पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. आंदोलन की चेतावनी के साथ सुजीत कुमार सिंह के लाईन हाजिर करने के आदेश को वापस लेने की मांग की जा रही है.
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