पोस्ते-अफीम के बाद अब सांप के जहर का सेंटर बना झारखंड, राजधानी रांची में जहर का खेप बरामद, बड़ी करवाई की तैयारी में जुटी पुलिस


रांची (RANCHI): झारखंड में नशे के कारोबार का स्वरूप लगातार बदलता जा रहा है. जहां पहले अफीम, पोस्ता और गांजे की तस्करी प्रमुख रूप से होती थी, वहीं अब अपराधियों ने सांप के जहर को नए नशे और पैसे कमाने के साधन के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है. पलामू और रांची में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि राज्य अब अंतरराष्ट्रीय सांप जहर तस्करी नेटवर्क का नया सेंटर बनता जा रहा है.
बीते दिनों वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) और पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) की संयुक्त टीम ने छापेमारी के दौरान 1.2 किलो सांप का जहर बरामद किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 80 करोड़ रुपये है. इसी दौरान टीम ने 2.5 किलो पैंगोलिन के शल्क भी जब्त किए, जिसकी कीमत लगभग 15 से 20 लाख रुपये बताई जा रही है. इस मामले में पलामू के हरिहरगंज थाना क्षेत्र के कौवाखोह निवासी राजू कुमार शौंडिक के साथ-साथ बिहार के औरंगाबाद जिला के देव निवासी मोहम्मद सिराज और उनके पुत्र मोहम्मद मिराज को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे लंबे समय से सीमावर्ती जंगलों से सांपों का शिकार कर उनके जहर की तस्करी नेपाल और अन्य देशों में करते थे.
उधर, रांची में भी सांप के जहर और सांपों की अवैध खरीद-बिक्री करने वाले नेटवर्क पर पुलिस और वन विभाग ने शिकंजा कस दिया है. गोपनीय सूचना के आधार पर पीटीआर और रांची डिवीजन की संयुक्त टीम ने रातू रोड स्थित केसरी नारायणी होटल में कार्रवाई की और एक रेड सैंड बोआ सांप बरामद किया. टीम ने मौके से इस नेटवर्क से जुड़े पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें अलीमुल्लाह अंसारी, अफरोज खान और सूरज कुमार शामिल हैं. वहीं छह आरोपी – सीता कुमारी, विष्णु लोहार, विपिन कुमार, मुन्ना खान और अमजद खान मौके से फरार हो गए. फरार आरोपी विपिन कुमार एटीएस में कांस्टेबल बताया जा रहा है, जबकि मुन्ना खान गिरिडीह निवासी है. इस जानकारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है कि नेटवर्क में सरकारी तंत्र से जुड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं.
इसी बीच रांची पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के एक बड़े गिरोह को भी बेनकाब किया है. कांके थाना क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक महिला सहित आठ तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 202 ग्राम ब्राउन शुगर, गांजा और 2.40 लाख रुपये नकद बरामद किया. गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे पटना से रांची तक ड्रग्स की सप्लाई करते थे. इनके नेटवर्क का मास्टरमाइंड सैयद समीर है, जिसके घर छापेमारी में 105 ग्राम ब्राउन शुगर और नकदी मिली.
झारखंड में एक साथ सांप जहर और ड्रग्स तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार, वन विभाग और पुलिस सतर्क हो गई है. सुरक्षाबलों का कहना है कि इन दोनों तस्करी नेटवर्क के पीछे एक गहरा अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है और जल्द ही कई और गिरफ्तारियां संभव हैं. टीमों को लगातार छापेमारी जारी रखने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जंगलों में सतर्कता बढ़ाई जा रही है ताकि सांपों का अवैध शिकार रोका जा सके.
राज्य में लगातार हो रही इन कार्रवाइयों ने यह साफ कर दिया है कि तस्कर अब झारखंड को अवैध कारोबार के सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं. इस खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है. यदि समय रहते इन नेटवर्क पर लगाम नहीं लगी, तो यह झारखंड के लिए कानून-व्यवस्था और वन्य संरक्षण दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है.
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