गया(GAYA): मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरा करने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है. उसमें भी मां की इच्छा हो तो लोग इसे पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुजर जाते हैं. हिन्दी फिल्मों में भी इस तरह की कहानियां दिखाई गई हैं. ऐसे ही एक फिल्मी कहानी ने हकीकत का रूप ले लिया है. गया में एक प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में एक जोड़े की शादी कराई गई. इस अनोखी शादी में न सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के परिवार के लोग मौजूद रहें, बल्कि अस्पताल के कर्मी भी मौजूद रहे. मगर, लोग इस शादी की खुशियां नहीं मना रहे थे, बल्कि शादी के बाद तुरंत ही सभी की आंखे नम हो गई.
अर्श हॉस्पीटल के आईसीयू में हुई अनोखी शादी
दरअसल, आईसीयू में हुए यह अनोखी शादी गया जिले के मजिस्ट्रेट कॉलोनी के सामने स्थित अर्श हॉस्पीटल में कराई गई. बताया गया कि गुरारू प्रखंड के बाली गांव के निवासी ललन कुमार की पत्नी पूनम कुमारी वर्मा कई दिनों से बीमार थी. सीरियस होने के बाद उन्हें अर्श हास्पिटल गया में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर है और किसी भी समय मौत हो सकती है. ऐसी हालत में मरीज पूनम कुमारी वर्मा ने परिजनों के सामने शर्त रख दी कि उनकी बेटी चांदनी कुमारी की शादी उनके जिंदा रहते कर दी जाये.
शादी होने के दो घंटे बाद हुआ मां का निधन
परिजनों ने बताया कि चांदनी कुमारी का इंगेजमेंट 26 दिसंबर को गुरुआ प्रखंड के सलेमपुर गांव के निवासी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त विद्युत कुमार अंबेडकर और नीलम कुमारी के इंजीनियर पुत्र सुमित गौरव के साथ होना तय था. लेकिन, लड़की की मां की जिद के कारण दोनों की शादी इंगेजमेंट की निर्धारित तिथि के एक दिन पहले ही कर दी गयी. दुखद बात यह रही कि शादी के महज दो घंटे बाद ही लड़की की मां का निधन हो गया.
शादी अर्श हास्पिटल में ही आइसीयू रूम के दरवाजे के बाहर युवक संघ पद्धति से संपन्न हुई. सुमित गौरव के चाचा अजीत कुमार लोहिया ने वर और वधू को शपथ पत्र पढ़वाकर शादी संपन्न करवाया. मौके पर शैलेन्द्र कुमार मंडल, कुमारी शर्मिला टैगोर, कुमारी प्रमिला टैगोर, मणिभूषण, ज्योति, गुनगुन और जदयू नेता अरविंद कुमार वर्मा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे. बड़ी बात यह कि यह पूरी शादी बिना किसी तिलक और दहेज के की गई.
कोरोना काल से ही लगातार बीमार चल रही थी मां पूनम
शादी होने के महज दो घंटे बाद ही अपनी मां को खोनेवाली चांदनी कुमारी ने बताया कि उनकी मां पूनम कुमारी वर्मा मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं और कोरोना काल से ही लगातार बीमार रह रही थी. वह हृदय रोग से पीड़ित थी. मां की इच्छा रखने के लिए ही अस्पताल में शादी की गई. अपनी आखिरी इच्छा पूरी होते ही मां का निधन हो गया. परिजनों पर भले ही दुख का पहाड़ टूट गया हो, मगर, उन्हें अब इस बात की जरूर संतुष्टि हुई होगी कि उन्होंने उनकी आखिरी इच्छा जरूर पूरी की.
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