टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कश्मीर राग अलाप कर दुनिया में भारत के खिलाफ विरोध और प्रोपगंडा फैलाने वाले पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ देने वाले ड्रेगन यानि चीन की अकड़ ढीली पड़ गयी है. दरअसल, कश्मीर में होने वाले जी-20 सम्मेलन में शामिल होने से पाकिस्तान और चीन ने इंकार कर दिया था. चीन का कहना था कि, वह विवादित क्षेत्र में मीटिंग का विरोध करता है. उसने इस पर पाकिस्तान का ही साथ दिया. पाकिस्तान, चीन के अलावा तुर्की और साउदी अरब ने भी इसमे शामिल होने से इंकार कर दिया. ये तो विरोध करने वाले देश थे ,लेकिन इन चंद देशों को छोड़ दें तो अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देशों ने इस बैठक में शामिल होने में अपनी रुचि दिखाई. यहां से 60 डेलिगेट्स भारत पहुंचे हैं.
भारत की मजबूत स्थिति
श्रीनगर में हो रही जी-20 की यह बैठक कई मायनों में इसलिए भी अहम है, क्योंकि आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा आयोजन है इस बैठक में वर्किंग ग्रुप की पहली दो मीटिंग के मुकाबले सबसे ज्यादा देश आ रहे हैं. इस मीटिंग को दुनियाभर से मिला समर्थन भारत की मजबूत होती स्थिति को दर्शाता है.
भारत की कूटनीतिक कामयाबी
कश्मीर में हो रही यह बैठक कूटनीतिक तौर पर भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष कमजोर होगा और कश्मीर पर भारत के फैसले को मान्यता मिलेगी. इसके अलावा दुनिया कश्मीर के सामान्य होते हालात की झलक भी देख सकेगी.
रिपोर्ट: शिवपूजन सिंह
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