न्याय में देरी से नाराज पाकिस्तानी महिला ने लाहौर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा -- न्याय नहीं दे सकते, तो भारत भेज दें


टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारतीय लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था की दुनिया में चर्चा होती है और तारीफ भी. ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला है पड़ोसी देश पाकिस्तान में जिससे हमारे रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे. पाकिस्तानी कोर्ट में लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई से तंग आकर एक महिला ने लाहौर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस मुहम्मद अमीर भट्टी से साफ कहा कि न्याय नहीं दे सकते तो आप 'मुझे भारत भेज दो.
दरअसल पाकिस्तान की न्याय प्रक्रिया से तंग आकर एक महिला ने हाईकोर्ट के जज से कोर्ट रूम में दो टूक शब्दों में कह दिया कि अगर वे उसे न्याय नहीं दे सकते हैं तो भारत भेज दें. पांच मरला की संपत्ति को लेकर तीन दशकों से अधिक समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई से तंग आकर एक महिला ने मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय में कही. बता दें कि पाकिस्तान में किसी भूखंड के माप को मरला कहते हैं. ठीक उसी तरह जैसे भारत में बीघा कहा जाता है. एक मरला 0.025 बीघा के बराबर होता है. सैयदा शहनाज नाम की महिला ने मूल रूप से बहावलपुर से कोर्ट की प्रिंसिपल सीट पर अपना केस ट्रांसफर करने के लिए अर्जी दाखिल की थी.शेखूपुरा में एक किराए के घर में रहने वाली आवेदक ने कहा कि अगर वह मामले को आगे बढ़ाने के लिए बहावलपुर गई तो उसकी संपत्ति के अवैध कब्जेदारों के हाथों उसकी जान को खतरा होगा.इसलिए वह जल्द न्याय की उम्मीद रखे हुए है.पर, हौसला पस्त हो रहा है.
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