साल 2024 में जानिए झारखंड की 5 बड़ी हेडलाइंस, जिसने बनाया इतिहास
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रांची(RANCHI): नए साल का आगाज होने वाला है और साल 2024 का अंत. कई लोगों के लिए ये साल बेहतरीन रहा तो कई लोगों के लिए खराब. लेकिन इस साल झारखंड में कई ऐसी घटनाएं घटी जिसने झारखंड की इतिहास में जगह बना ली. इन घटनाओं को न तो राजनेता भूल सकते हैं और न ही राज्य की जनता. इस साल झारखंड की राजनीति में कई उठा-पटक देखने को मिली तो कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसे हर कोई याद रखने वाला है. इस साल सीएम का चेहरा बदला तो किसी मंत्री के घर ईडी की रेड चली. सरकार के कुछ फैसलों ने जनता के चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी तो कहीं सरकार की व्यवस्था के कारण कितनों की मुस्कुराहट छिन गई. तो चलिए डालते हैं झारखंड के ऐसे ही 5 बड़ी घटनाओं पर जो इतिहास में दर्ज हो गए हैं.
हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी
साल 2024 की शुरुआत की बात करें तो जनवरी राज्य के लिए सबसे बड़ा झटका रहा. 31 जनवरी को जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी. क्योंकि, झारखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सीएम पद पर रहते हुए किसी सीएम की गिरफ़्तारी हुई. हेमंत की गिरफ़्तारी के बाद पार्टी के ही विश्वसनीय चंपई सोरेन ने राज्य की कमान संभाली. 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण की. वहीं, हेमंत सोरेन करीब 5 महीने तक जेल में रहे और आखिर में 28 जून को उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. हेमंत के बाहर आते ही चंपई सोरेन ने सीएम पद से 3 जुलाई को इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर हेमंत सोरेन ने तीसरी बार राज्य की बागडोर अपने हाथ में ले ली. जेल से बाहर निकलने के बाद हेमंत का अलग ही अंदाज देखने को मिला. नए लुक के साथ हेमंत और भी पॉवरफूल नजर आए. जेल से बाहर आते ही हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव के कार्यों में जुट गए और मजबूत तरीके से प्रचार-प्रसार किया. नतिजन एक बार फिर हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम बने और चौथी बार सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण किया.
ग्रामीण विकास मंत्री के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
पूरे साल ईडी झारखंड में एक्टिव रही. लेकिन ईडी के एक रेड ने राज्य को हिला कर रख दिया. झारखंड में 5 मई को ईडी की टीम ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के सरकारी आप्त सचिव संजीव लाल और उनके निजी सहायक जहांगीर समेत अन्य के ठिकानों पर छापा मारा. जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मंत्री के निजी सहायक जहांगीर के घर से ईडी को कूट के डिब्बे, प्लास्टिक और कपड़ों की थैलियों में से भारी मात्रा में नगद रुपए मिले. ईडी ने छापेमारी में जहांगीर के घर से 31.20 करोड़ रुपए बरामद किए. इस रेड में हालात ये थे कि जब्त किए गए पैसों को गिनने वाली मशीन बार-बार बंद हो जा रही थी. गर्म होकर मशीन काम करना बंद कर दे रही थी. इस 16 घंटे चली रेड में 8 मशीनों से नोट गिने गए और 12 टिन के बक्सों में नोट भरकर रखे गए थे.
कल्पना सोरेन का उदय
राजनीति से दूर रहने वाली कल्पना सोरेन एक मजबूत झामुमो नेत्री के रूप में इस साल उभर कर सामने आई हैं. साल 2024 में कल्पना सोरेन ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन डट कर वे खड़ी रहीं. साथ ही साल के अंत-अंत तक जनता के बीच उन्होंने अपनी एक पहचान भी बना ली. इस साल हुए विधानसभा चुनाव में गांडेय विधानसभा सीट से कल्पना ने चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत भी हासिल की. लेकिन कल्पना के लिए ये इतना आसान नहीं था. जनवरी में हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी के बाद कल्पना ने परिवार और पार्टी एक साथ संभाला. इतना ही नहीं, पति की रिहाई के लिए भी अदालत के चक्कर लगाएं. हेमंत सोरेन ने सीएम का पदभार चंपई सोरेन के हाथों सौंप दिया. लेकिन इस साल झामुमो पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी थी लोकसभा चुनाव की. ऐसे में पार्टी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी कल्पना ने ली और पार्टी की बागडोर अपने हाथों में ले लिया. कल्पना इसमें सफल भी हुईं. लोकसभा चुनाव के समय वे प्रचार-प्रसार में लगी, लोगों के बीच गई, भाषण दिए और जनता का दिल भी जीता. जिसका नतीजा ये निकला कि वे गांडेय उपविधानसभा चुनाव जीत गईं. इसके बाद कल्पना को इंडिया गठबंध का स्टार प्रचारक भी बनाया गया और कल्पना ने इस बार भी फिर अपनी काबिलियत साबित कर दी. चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत हुई. साथ ही कल्पना ने गांडेय सीट पर बहुमत के साथ जीत हासिल की और विधायक बनी.
‘मंईयां सम्मान योजना’ बनी झामुमो के लिए गेम चेंजर
हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं के लिए एक योजना निकाली ‘मंईयां सम्मान योजना.’ इस योजना के तहत हेमंत सोरेन ने 18 से 50 साल तक की महिलाओं को पहले हजार रुपए और फिर चुनाव जीतने के बाद 2,500 रुपए देने का वादा किया. हालांकि, हेमंत सरकार अपने इस वादे पर खरी भी उतरी. चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में 1000 रुपए सरकार की तरफ से भेजे गए. चुनाव जीतते ही पांचवी किस्त के रूप में दिसंबर में सरकार ने 2,500 रुपए भी महिलाओं के खाते में भेजने शुरू कर दिए. देखा जाए तो ‘मंईयां सम्मान योजना’ हेमंत सोरेन के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित हुई. इस योजना का असर ये हुआ कि महिला बैंक वोट हेमंत सोरेन के तरफ चली गई. जिसका नतीजा ये हुआ कि चुनाव में हेमंत सोरेन को जिताने में महिलाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा. हालांकि, देखा जाए तो इस योजना से महिलायें भी काफी खुश हैं. 55 लाख महिलाओं के खाते में सरक सीधे पैसे भेज रही है. जिससे रा की महिलाओं के चेहरे खुशी से खिले हुए हैं.
रांची से पकड़ा गया सीरियल बम ब्लास्ट का मास्टर माइंड
अपराध के मामलों में देखा जाए तो इस साल अगस्त का महिना खौफनाक रहा. झारखंड में नक्सलियों से मुठभेड़ सामान्य है लेकिन झारखंड से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे देश को ही हिला कर रख दिया. दरअसल, अलकायदा इंडिया सब कॉन्टिनेंट का मास्टरमाइंड रांची से पकड़ा गया. देश में होने वाली एक बड़ी आतंकी साजिश को समय रहते विफल कर दिया गया. देश भर से 16 आतंकी गिरफ्तार किए गए. जिसमें से रांची से 8 राजस्थान से 6 और अन्य ठिकाने से गिरफ्तारियां की गई. बता दें कि, अलकायदा इंडिया सब कॉन्टिनेंट देश के बड़े शहरों में सीरियल बम ब्लास्ट की योजना बना रहा था. इस साजिश को लेकर राजस्थान में ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था. वहीं, सभी आतंकियों का लिंक झारखंड की राजधानी रांची के डॉक्टर इस्तियाक से जुड़ा है. सभी इसके इशारे पर काम कर रह थे. डॉक्टर इस्तियाक की गिरफ़्तारी रांची के बरियातू के एक फ्लैट से की गई. डॉक्टर के पास से जब्त किए गए सामानों से साफ था कि इन का इरादा देश में कई जगह ब्लास्ट करने की थी. इतना ही नहीं, ये आतंकी देश में अलकायदा का मॉडल लाने की तैयारी में थे. हालांकि, समय रहते ही आतंकियों के इस योजना को ATS और दिल पुलिस की स्पेशल सेल ने इसे रोक दिया.
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