रांची(RANCHI)- राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का एक वीडिया आज कल बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद सूबे की राजनीति में तूफान है, निर्दलीय विधायक सरयू राय के साथ साथ भाजपा के द्वारा इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है, मंत्री बन्ना गुप्ता के बहाने कांग्रेस के चरित्र पर सवालिया निशान खड़े किये जा रहे हैं. सरयू राय का दावा है कि यह तो पहली झांकी है, अभी कई मनोहर कहानियां बाकी है.
महिला का दावा वायरल वीडियो से उसकी पारिवारिक जिदंगी दांव पर
लेकिन इस बीच जमशेदपुर की एक महिला सामने आकर इस वायरल वीडियो को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है, उसका दावा है कि वह अपने पत्ति के साथ चैटिंग कर रही थी, अब उसी वीडियो को एडिट कर उसके साथ मंत्री बन्ना गुप्ता की तस्वीर जोड़ दी गयी. महिला का दावा है कि इस वायरल वीडियो की वजह से इसकी पारिवारिक जिदंगी दांव पर लग गयी है, उसके तीन छोटे छोटे बच्चे हैं, परिवार में तूफान की स्थिति है. यह सब कुछ उसे और उसके परिवार को बदनाम करने की एक सोची समझी साजिश है. वह तो मंत्री बन्ना गुप्ता को जानती भी नहीं, फिर उसकी तस्वीर वायरल वीडियो में शेयर क्यों की जा रही है?
सोशल मीडिया साइट से तस्वीर निकाल पर मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ वायरल किये जाने का दावा
सोमवार शाम होते होते अब रांची की एक महिला भी सामने आयी, महिला कांग्रेस से जुड़ी है, राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेती है. छह माह पहले ही उसकी शादी हुई है, उसका दावा है कि उसके सोशल मीडिया साइट से उसकी तस्वीरों को निकाल कर मंत्री बन्ना गुप्ता से जोड़ा जा रहा है, वह कांग्रेस की सिपाही है, मंत्री बन्ना गुप्ता के हाथों में वह राखी बांध चुकी है, अपना भाई मानती है, राजनीति में आगे बढ़ना चाहती है, इस पुरुष प्रधान व्यवस्था को ध्वस्त कर, समता समानता पर आधारित समाज का निर्माण करना चाहती है, जिसमें महिलाओं की भी सामान भागीदारी हो, उनकी भी राजनीति में दखल हो, लेकिन यह पुरुष प्रधान समाज अपनी सफलता के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करना चाहता है, यही कारण है कि उसकी तस्वीर को बन्ना गुप्ता के साथ जोड़कर वायरल किया जा रहा है, इस हालत में कोई महिला अपनी राजनीतिक गतिविधियों का संचालन कैसे करेगी.
महिलाओं के दावे से अलग प्रदेश की राजनीति में भूचाल
सच्चाई जो भी हो, लेकिन इतना तो साफ है कि वीडियो चैटिंग वायरल होने से प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा है, बन्ना गुप्ता को बर्खास्त करने की मांग भी की जा रही है, कांग्रेस संगठन के अन्दर भी इस मामले में नजर रखी जा रही है.
साइबर थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी वायरल वीडियो को फर्जी बताया है, और किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार होने का दावा किया है. उनके द्वारा इस मामले में साइबर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी है. जिसके बाद मामले की छानबीन की जा रही है. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त प्रभात कुमार ने बताया है कि वीडियो क्लिप और यूआरएल के आधार पर जांच शुरू करने का निर्देश दे दिया गया है. मामले में समूचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वास्तविक यूआरएल की जांच से सामने आयेगी सच्चाई, भोपाल भेजने की तैयारी
पुलिस का कहना है कि वीडियो के वास्तविक यूआरएल की भी जांच होगी, ताकि उसके स्त्रोत की जानकारी मिल सके. हालांकि इस मामले में पुलिस सबसे पहले एफआईआर को कोर्ट भेजेगी, जिससे की जांच की कार्रवाई आगे बढ़ायी जा सके. इसके साथ ही वायरल वीडियो का फोरेंसिंक जांच भी करवाया जायेगा. फोरेंसिंक जांच करवाने के लिए वायरल वीडियो को भोपाल भेजने की तैयारी है, इसके लिए कोर्ट की अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरु की जा रही है.
मंत्री सरयू राय का दावा मूल वीडियो तीन मिनट का
इस बीच विधायक सरयू राय ने दावा किया है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता वायरल वीडियो मात्र 21 सेकेंड का है, जबकि पूरी वीडियो तकरीबन तीन मिनट की है, जिसमें दिखाया गया है कि मंत्री एक लड़की के साथ अश्लील बातें कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर दावा किया कि- मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ अश्लील चैट करने वाली महिला के बिरसा नगर जोन 11 का गेट शाम 4 बजे खुल.। 5 बजे वह अन्य 3 महिलाओं के साथ ह्वाइट वैगर-आर कार से कहीं निकल गई. कार उस फर्नीचर हाउस का ड्राईवर छोटू चला रहा था, जिसमें वह काम करती है. पुलिस सक्रिय रहती, तो वह युवती पकड़ में आ जाती.
आखिर किसी लड़की के आगे क्यों भागे पुलिस
विधायक सरयू राय के दावे सही हो सकते हैं, लेकिन मूल सवाल यह है कि अब तक किसी भी महिला ने सामने आकर मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज नहीं की है, सामने आयी दोनों ही महिलाओं के द्वारा इस वीडियो को फर्जी बतलाया गया है, मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा भी इस वीडियो को फर्जी बतलाते हुए साइबर थाने में शिकायत दर्ज की गयी है.
सोशल साइट पर वीडियो किसने डाला, पुलिस का दायित्व उसकी खोज करना है
इस स्थिति में यहां मूल सवाल तो यह है कि यह वीडियो को किसके द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया, पुलिस के लिए उसकी पहचान करना जरुरी है, कौन महिला कहां जा रही है और किसके मिल रही है, यह सवाल सरयू राय के लिए महत्व का हो सकता है, लेकिन पुलिस इसकी जांच क्यों करेगी? वह किसी महिला के पीछे क्यों भागेगी. हां, यदि सरयू राय को यह लगता है कि यह वीडियो वास्तविक है, इसका सच्चाई से कोई वास्ता है, तो वह इसका दावा कर सकते हैं? वह इसका साक्ष्य भी पेश कर सकते हैं? पीड़ित महिला को समाने लाकर बन्ना गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करवा सकते हैं. उसके लिए न्याय की लड़ाई लड़ सकते हैं, लेकिन इस मामले में मूल शिकायत तो इस बात की है कि किसी के द्वारा फर्जी वीडियो वायरल कर किसी अनजान महिला और मंत्री बन्ना गुप्ता को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है? तत्काल पुलिस को इसी बिन्दू पर अपनी जांच को आगे बढ़ायेगी?
किसी की निजी जिंदगी में ताक झांक करना एक खतरनाक प्रवृति
साफ है सरयू राय की मंशा कुछ और ही है, उनकी कोशिश वायरल वीडियो के बहाने मंत्री बन्ना गुप्ता को राजनीतिक रुप से सलटाने की है. यही कारण है कि उनके द्वारा एक महिला की पूरी डिटेल सामने रखी जा रही है, शायद वह भूल रहे हैं कि हर व्यक्ति की अपनी निजी जिंदगी होती है, और खास कर एक महिला के लिए उसकी निजी जिंदगी का महत्व और भी संवेदनशील हो जाता है, और अपने राजनीति स्वार्थ के लिए किसी की निजी जिंदगी में ताक झांक करना स्वस्थ्य राजनीतिक पंरपरा तो नहीं कही जा सकती.
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