रांची(RANCHI): लगता है कि झामुमो की नयी सियासत अब 1932 के खतियान से शिफ्ट होकर भगवान राम के तीर धनुष की ओर जाने वाली है, आज विधान सभा के अन्दर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, भगवान राम के तीर-धनुष को लेकर झामुमो और भाजपा के बीच तीखी बहस देखने को मिली. दोनों ही दलों के विधायक भगवान राम के तीर-धनुष को पर अपना-अपना दावा कर रहे थें.
राम राम जपना और पराया माल अपना.
दरअसल जेएमएम विधायक मंगल कालिन्दी ने इसकी शुरुआत करते हुए भाजपा को नकली राम भक्त होने तमगा दे दिया, उन्होंने कहा कि इनके पास तो भगवान राम का तीर धनुष भी नहीं है. यह कैसे राम की सियासत करेंगे, कैसे उनके बताये मार्ग पर चलेंगें, भगवान राम का तीर धनुष तो हम असली राम भक्तों के पास है, इनकी तो नीति है राम राम जपना और पराया माल अपना. ये हड़पने वाले लोग है. ये भगवान राम पर अपना दावा कैसे कर सकते हैं. हम लोग तो तीर धनुष के साथ ही पलते बढ़ते हैं, यह हमारी पहचान है, लेकिन ये नकली राम भक्त इस पर अपना दावा करते हैं, इनका दावा खोखला है.
भाजपा का विरोध
हालांकि भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही और सीपी सिंह ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि राम का असली तीर धनुष तो भाजपा के पास ही है, लेकिन बावजूद इसके जेएमएम विधायक मंगल कालिन्दी तीर धनुष का सवाल उठाकर भाजपा को घेरते रहें.
दरअसल पिछले कुछ दिनों से जेएमएम 1932 के खतियान और नियोजन नीति के सवाल पर कुछ फंसती सी नजर आ रही है, 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति राज्यपाल ने सरकार को वापस लौटा दिया है, इसके साथ ही नियोजन नीति को भी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है, इसके बाद हेमंत सोरेन सरकार की काफी किरकिरी हो रही है, बहुत संभव है कि वह अब इस मुद्दे के अपना पींड छोड़ना चाहती हो. हालांकि तीर धनुष झामुमो का चुनाव चिह्न है, जिसके सहारे वह भाजपा को निशाना बना रही है.
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