रांची (TNP Desk) : झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 मई को है. राज्य के पलामू सहित चार सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया है. आखिरी दिन अलग-अलग दलों के प्रत्याशी सहित बड़े-बड़े नेता व कार्यकर्ताओं ने गर्मी के मौसम में जमकर पसीना बहाया. सभी दलों के नेता ने वोटर्स को मतदान करने की अपील की. करीब दो महीने से चल रहे चुनावी अभियान राज्य के इन चार सीटों पर थम गया. अब डोर-टू-डोर कैंपेन कर सकते हैं. इस बार पलामू लोकसभा क्षेत्र से कुल नौ प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमा रहे हैं, जिसका मतदाता करेंगे.
पलामू में इनके बीच है मुख्य मुकाबला
पलामू सीट की बात करें तो वैसे यहां से नौ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और इंडिया गठबंधन में शामिल राजद से होगा. इस सीट से भाजपा ने विष्णु दयाल राम को उम्मीदवार बनाया है. वे यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं. भाजपा ने तीसरी बार उनपर भरोसा जताया है. वहीं राजद ने ममता भुइयां पर दांव खेला है. लोकसभा चुनाव के सियासी पिच पर ममता भुइयां पहली बार उतरी हैं. झारखंड में राजद एक मात्र पलामू सीट से भाग्य आजमा रही हैं. लगातार दो बार संसद पहुंच चुके विष्णुदयाल राम का बीते दिनों काफी विरोध हुआ. स्थानीय लोग उनसे काफी नाराज चल रहे हैं. लेकिन बीडी राम पीएम मोदी की चुनावी सभा के बदौलत चुनावी मैदान में हैं. वहीं ममता भुइयां के पक्ष में झारखंड मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, तेजस्वी यादव सहित इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं. इस क्षेत्र में तेजस्वी यादव ने तीन जगहों से जनसमुह को संबोधित किया है. 2019 के चुनाव में भाजपा के बीडी राम को 755,659 वोट मिला था, जबकि राजद के घूरन राम को 278,053 मत मिले थे. वहीं 53,597 वोट पाकर तीसरे स्थान पर बसपा की अंजना भुइयां रहीं थी. इस बार यहां का मुकाबला काफी रोचक हो गया है. बीडी राम के सामने ममता भुइयां के आने से मतादाता का भी मूड थोड़ा-थोड़ा बदला सा नजर आ रहा है. क्योंकि इस क्षेत्र में कई जगहों पर बीडी राम को काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा.
पलामू संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पलामू संसदीय क्षेत्र में 16 लाख 93 हजार 460 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें पहली वोट देने के योग्य बने मतदाताओं की संख्या करीब 62 हजार 883 है. इनमें 8 लाख 77 हजार 713 पुरुष मतदाता है. वहीं महिला वोटर्स की संख्या 8 लाख 15 हजार 541 है. जबकि पांच ट्रांस जेंडर मतदाता भी जो 13 मई को होने चुनाव में अपने पसंद के प्रत्याशियों को वोट करेंगे. यह सीट अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा आते हैं, जिसमें डालटेनगंज, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा, छत्तरपुर, भवनाथपुर शामिल है. इन विधानसभा में फिलहाल 5 पर जहां भाजपा और उनके घटक दल के विधायक हैं तो वहीं एक सीट गढ़वा जेएमएम के खाते में है.
पलामू वासियों के प्रमुख मुद्दे
पलामू लोकसभा क्षेत्र के मुद्दे अन्य तीन संसदीय क्षेत्रों से थोड़ा अलग है. यहां कई ऐसे प्रमुख मांग है जो अभी तक पूरे नहीं हुए. यहां भी पेयजल, सिंचाई, बिजली, सड़क, बेरोजगारी, पलायन आज भी बदस्तूर जारी है. बीते दस साल से भाजपा के बीडी राम सांसद हैं, लेकिन कई इलाकों में अभी भी काम अधूरा है. पलामू संसदीय क्षेत्र के कई इलाके आज भी नक्सलियों से प्रभावित है. पलामू वासियों ने पिछले दस वर्षों से जो सपना देखा था वो आज भी अधूरा है. यहां के लोगों के हालात अब भी बेहतर नहीं हुए. आज भी अपेक्षाकृत विकास की उम्मीदें लगाए बैठे हैं. पलामू की धरती पर पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह तक आ चुके हैं. कई वादे भी किये लेकिन एक दशक हो जाने के बाद भी पूरे नहीं हुए.
2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2019 को मंडल डैम के अधूरे कार्य को पूरा करने की आधारशिला रखी थी. उस समय 2022 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लोगों को उम्मीद थी अधूरे पड़े मंडल डैम का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बावजूद मंडल डैम के निर्माण स्थल पर एक ईंट भी नहीं रखी गई. जबकि यह एक बड़ा मुद्दा था. मंडल डैम को लेकर लोगों में भी काफी नाराजगी दिख रही है.
पलामू प्रमंडल का एकमात्र चियांकी हवाई अड्डा आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. हवाई अड्डे को व्यवस्थित रूप देने के लिए बाउंड्री वाल और जल निकासी की व्यवस्था बनायी गयी थी, लेकिन विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर तोड़े गये बाउंड्री वाल की मरम्मत आज तक पूरी नहीं हो पायी. रनवे पर हवाई जहाज की जगह गाड़ी और मवेशी देखे जाते हैं. इस हवाई अड्डे को व्यावसायिक उड़ान की दिशा में विकसित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो पाया है.
मोदी की गारंटी में जपला सीमेंट फैक्ट्री भी शामिल था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ. तीन दशक से ज्यादा बीत जाने के बावजूद जपला सीमेंट फैक्ट्री नहीं खूल सका. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मेदिनीनगर की जनसभा में नरेंद्र मोदी ने जपला सीमेंट फैक्ट्री खुलवाने का वादा किया था.
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