रांची : झारखंड सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है. राजनीति के धुरंधर एक-दूसरे को चित करने के लिए लगातार सियासी बाण छोड़ रहे हैं. वहीं लोकसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड में एकबार फिर बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की टीम ने ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर सहित अन्य के ठिकानों पर छापेमारी कर करीब 40 करोड़ रुपए बरामद की है. ईडी के अधिकारी जांच को आगे बढ़ाते हुए दूसरे दिन प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के परिसर में छापा मारा. ईडी के अधिकारियों ने अपने साथ मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजील लाल को लेकर पहुंचे. करीब साढ़े तीन घंटे की सर्च ऑपरेशन में संजीव लाल के दफ्तर से एक लाख 75 हजार के नए नोट और 28 हजार की 500 के पुरानी करेंसी बरामद किए. साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज भी बरामद किए है. जिससे संजीव लाल का अपराध सिद्ध होता है.
संजीव लाल से छह दिनों तक पूछताछ
रुपए बरामद के बाद पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर को ईडी के अधिकारियों ने पीएमएलए कोर्ट में पेश किया. दोनों से पूछताछ के लिए ईडी ने दस दिनों की रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने छह दिन की रिमांड मंजूर की. अब उनसे पूछताछ चल रही है. गुरुवार को पीएस संजीव लाल और उनकी पत्नी रीता लाल से ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. दोनों को आमने-सामने बैठाकर ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. बताया जाता है कि पूछताछ में कई चीजों की जानकारी ईडी को मिली है.
प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में टेंडर मैनेज करता था संजीव लाल
ईडी ने अदालत में जानकारी दी है वो बेहद ही चौंकाने वाली है. केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजील लाल प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में टेंडर मैनेज करता था. इसके लिए वह इंजीनियरों से मोटी रकम वसूलता था. वो नेताओं से लेकर अफसरों को भी कमीशन देता था. ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक के कई अधिकारी और कर्मचारी इस टेंडर कमीशन के हिस्सा रहे हैं. कोर्ट में ईडी ने बताया कि संजीव लाल के कहने पर ही जहांगीर आलम प्रभावशाली व्यक्तियों से रुपयों की वसूली करता था.
वीरेंद्र और अन्य इंजीनियरों ने भी दिए हैं कमीशन
ईडी ने कहा कि टेंडर कमीशन घोटाले में 23 फरवरी 2023 को ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि वीरेंद्र राम और अन्य इंजीनियरों ने भी संजीव लाल को करोड़ों रुपए कमीशन दिए. उसी समय से संजीव लाल पर ईडी की नजर थी. जांच में यह भी पता चला कि विरेंद्र राम टेंडर के बदले में मोटी कमीशन वसूलता था. कमीशन की यह राशि अधिकारियों और नेताओं में भी बंटती थी. जांच एजेंसी वीरेंद्र राम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
अधिकारियों से लेकर ठेकेदार तक की ईडी तैयार कर रही लंबी लिस्ट
बताया जाता है कि राज्य में इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद ईडी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग से अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदारों की लंबी लिस्ट तैयार कर रही है. आने वाले समय में एक बार फिर ईडी बड़ी कार्रवाई कर काला चिट्ठा को उजागर करेगी. वहीं जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई है उनसभी लोगों को भी पूछताछ के लिए ईडी जल्द ही समन भेज सकती है. बीते दिनों जिन लोगों के यहां छापेमारी हुई उनमें संजीव लाल और जहांगीर के अलावा इंजीनियर राजकुमार उरांव, इंजीनियर कुलदीप मिंज, इंजीनियर अर्जुन मुंडा, ठेकेदार राजीव कुमार सिंह शामिल हैं. इसके अलावा कई नेता और अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं. अब देखना होगा कि आने वाले समय में कितने अधिकारी, ठेकेदार ईडी की गिरफ्त आयेंगे. क्योंकि जिस तरह से जांच चल रही ऐसे में कई नेता भी लपेटे में आ सकते हैं. अभी हाल ही में राज्य के कई जिलों में अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माण कार्य में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिसकी जांच भी ईडी कर सकती है.
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