नई दिल्ली (NEW DELHI) : पहलवानी के क्षेत्र में प्रसिद्धि हासिल करने वाले ओलंपिक खिलाड़ी बजरंग पूनिया को कड़ी सजा मिली है. डोपिंग की जांच कराने से इनकार करने पर उन्हें सजा सुनाई गई है. नाडा की ओर से यह आदेश दिया गया है. खेल जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि बजरंग पूनिया का करियर अब लगभग खत्म हो जाएगा.
बजरंग पुनिया का क्या रहा है खेल में स्थान
बजरंग पुनिया एक जाना पहचाना नाम है. ओलंपिक में भी उन्होंने पदक जीता है टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने भारत के लिए कान से पदक जीतने का गौरव प्राप्त किया. उन्हें पद्म सम्मान भी मिला है. इसके अतिरिक्त अर्जुन अवार्ड से भी वह नवाजे गए हैं. बजरंग पूनिया को लेकर यह आदेश इसलिए आया कि उन्होंने डोप टेस्ट देने के लिए अपना नमूना देने से इनकार कर दिया. खिलाड़ियों को डोप टेस्ट कराना ही पड़ता है और यह अनिवार्य है. नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी पिछले अप्रैल में नेशनल इवेंट के लिए डोप टेस्ट कराने को कहा तो बजरंग पुनिया ने इससे इनकार कर दिया. नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानी नाडा ने विचार विमर्श के बाद इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार के बाद प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी. नेशनल टीम के लिए सिलेक्शन ट्रायल के दौरान 10 मार्च, 2024 को उनसे नमूने की मांग की गई थी लेकिन उन्होंने नमूना देने से इनकार कर दिया था. उल्लेखनीय है कि नाडा ने इस आधार पर पिछले 23 अप्रैल को ही उन्हें सस्पेंड कर दिया था. टीम से निलंबित होने के बाद इसकी जानकारी जब यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को मिली तो उसने भी बजरंग पूनिया को निलंबित कर दिया.
जानिए कितने दिनों का लगा है बजरंग पुनिया पर प्रतिबंध
भारतीय पहलवान और ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया पर 4 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह प्रतिबंध 23 अप्रैल से ही लागू होगा. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी NADA ने 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. इस दौरान वे ना तो खेल सकते हैं और ना ही कोच के रूप में किसी को प्रशिक्षण दे सकते हैं. खेल जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि इस प्रकार से बजरंग पुनिया का उनके अपने ही कारण से करियर समाप्त होने जा रहा है यह प्रतिबंध 22 अप्रैल 2028 तक लागू रहेगा.
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