गुटखा पर प्रतिबंध की क्या है हकीकत: खत्म हो जाएगा गुटखा का बाजार या पूर्व की भांति बढ़ाएगा गुमटी की शोभा! पढ़िए इस रिपोर्ट में

रांची(RANCHI): इन दिनों झारखंड में चौक चौराहों पर जिस खबर की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है सरकार द्वारा गुटखा या पान मसाला पर प्रतिबंध लगाना. पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. जब मंत्री ने कह दिया तो भला विभाग कैसे पीछे रहता. मंत्री जी की बातों को सच साबित करने के लिए 17 फरवरी को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सह स्टेट फ़ूड सेफ्टी कमिश्नर ने एक वर्ष के लिए झारखंड में गुटखा और पान मसाला के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध से संबंधित अधिसूचना जारी कर दिया गया.
नोटिफिकेशन के बाद चौक चौराहों पर शुरू हुई चर्चा, शराबबंदी वाले बिहार का लोग दे रहे हवाला
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद चौक चौराहों पर चर्चा होने लगी कि क्या सचमुच गुटखा और पान मसाला झारखंड के बाजार में नहीं दिखेगा? गुमटी और पान दुकान की शोभा बढ़ाने वाले विभिन्न कंपनी का गुटखा और पान मसाला पूर्व की भांति दुकान की शोभा बढ़ाएगा या फिर पर्दे के पीछे रहकर बाजार में राज करेगा. चर्चा तो यहाँ तक हो रही है कि एक तरफ जहां गुटखा खाने के सौकीन को जेब ढीली करनी पड़ेगी वहीं जिनके कंधों पर इसकी निगरानी की जिम्मेदारी है वह मालामाल होंगे? लोग शराबबंदी वाले बिहार का हवाला दे रहे है.
जानकार बताते है नोटिफिकेशन में नया कुछ भी नहीं
इस सबके बीच जानकारों का मानना है कि सरकार के इस नोटिफिकेशन का गुटखा और पान मसाला के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसा हो सकता है कि गुमटी की शोभा बढ़ाने वाला गुटखा पर्दे के पीछे चला जाए, खाने वालों की जेब ढीली होगी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा!
निकोटिन या टोबैको मिश्रित गुटखा या पान मसाला को किया गया है प्रतिबंधित
विश्वस्त सूत्रों का मानना है कि नोटिफिकेशन में कुछ भी नया नहीं है. नोटिफिकेशन को देखें तो इसमें फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 तथा रेगुलेशन ऑफ़ द फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (प्रोहिबिशन एंड रेगुलेशन ऑन सेल्स) रेगुलेशन 2011 के विभिन्न धाराओं का हवाला दिया गया है. इससे स्पष्ट है कि नोटिफिकेशन में कुछ भी नया नहीं है. इसमें इस बात का भी जिक्र है कि वैसा गुटखा और पान मसाला जिसमें निकोटिन या तंबाकू मिश्रित हो उस पर एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.
गुटखा निर्माता कंपनी द्वारा 0% निकोटिन का किया जा रहा है दावा, जांच के लिए भेजा गया है सैंपल
यह तो हुई नोटिफिकेशन की बात. दूसरी तरफ देखें तो तमाम गुटखा या पान मसाला निर्माता कंपनी अपने उत्पाद पर जीरो परसेंट निकोटिन या टोबैको का दावा करती है. विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कंपनी के दावे की सच्चाई क्या है इसे जानने के लिए हर जिला से सैंपल लेकर प्रयोगशाला भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि किस कंपनी के उत्पाद में निकोटिन या टोबैको मिला हुआ है और किसमें नहीं है. जांच रिपोर्ट में अगर किसी कंपनी के गुटखा या पान मसाला में निकोटिन या टोबैको की पुष्टि होती है तो उस कंपनी का उत्पाद प्रतिबंधित माना जाएगा. वैसे भी गुटखा खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आता है और खाद्य पदार्थ में मिलावट अपराध है.
पहले गुटखा के साथ मिला होता था जर्दा, अब कंपनी ने दोनों के पैकेट को कर दिया है अलग
गुटखा के इतिहास को देखें तो 1990 के दशक से बाजार में इसका साम्राज्य स्थापित हुआ. पहले गुटखा में जर्दा मिला होता था, लेकिन बाद में कानूनी दाव पेंच से बचने के लिए कंपनी से जर्दा का पैकेट अलग कर दिया और गुटखा पर 0% निकोटिन या टोबैको का दावा करने लगी लगी. इसलिए ऐसा लगता है कि सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन का गुटखा या पान मसाला के बाजार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा बशर्ते जांच रिपोर्ट में गुटखा निर्माता कंपनी के दावे की पुष्टि हो जाए. वैसे भी सरकार के स्तर से तंबाकू पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, इसलिए अलग अलग पैकेट में गुटखा या पान मसाला और जर्दा बिकता रहेगा.
नोटिफिकेशन का साइड इफेक्ट: पर्दे के पीछे चला गया गुटखा, बढ़ गई कीमत
सरकार के स्तर से नोटिफिकेशन जारी होते ही गुटखा के बाजार में क्या बदलाव हुआ वह भी बताते हैं. गुमटी की शोभा बढ़ाने वाला विभिन्न कंपनी का गुटखा पर्दे के पीछे चला गया. थोक से लेकर खुदरा बाजार में गुटखा की कीमत बढ़ गया. पहले दुकानदार किसी भी ग्राहक को गुटखा दे देता था लेकिन अब अजनबी ग्राहक को दुकानदार सशंकित नजरों से देखते हुए गुटका नहीं होने की बात कह कर लौटा दे रहे है. नोटिफिकेशन का खौफ ऐसा की सिगरेट की कीमत भी बढ़ गई. इस स्थिति में गुटखा के शौकीन को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
अपने बयान से चर्चा में रहने वाले मंत्री डॉ इरफान अंसारी के बयान से गर्म हुआ गुटखा का बाजार
कुल मिलाकर कहें तो अपने बयान के लिए जाने जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने गुटखा पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित बयान देकर गुटखा के बाजार को गरमा दिया है. इसमें कोई शक नहीं कि निकोटिन या तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसके बाबजूद वर्षों से गुटखा का बाजार फल फूल रहा है और आगे भी इसका साम्राज्य कायम रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इस स्थिति में सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन का कितना प्रभाव पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा.
4+