टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में अवैध खनन को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस अवैध खनन को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत भी हैं. मगर, कई ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जो राज्य सरकार और सीएम हेमंत सोरेन पर सीधे सवाल खड़े कर दे रही है. ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है, जहां सीएम हेमंत के भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन पर आरोप लगाया गया है कि उनकी कंपनी ने बिना चालान के पत्थर बांग्लादेश भेज दिया.
दरअसल, हाल ही में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में हो रहे अवैध खनन में रेलवे अधिकारियों की संलिप्तता का जिक्र करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने इसकी जांच एक उच्च स्तरीय जांच टीम द्वारा करते की बात कही थी. मगर, अब सामने आया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई ने ही 34 रेल रेक पत्थर बिना चालान के बांग्लादेश भेज दिया.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर किया खुलासा
इसका खुलासा भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक ट्वीट के जरिए किया है. इसमें उन्होंने दुमका के जिला खनन कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र भी साझा किया है.
ये पत्र साझा करते हुए उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर सवाल उठाते हुए लिखा कि “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी. अपने विधायक भाई बसंत सोरेन की कंपनी का ये चोरी देख लीजिए. कुछ दिन पहले आपने बयान दिया था कि अवैध परिवहन में रेलवे के लोग शामिल हैं पर आपके भाई और आपके “अज़ीज़ दोस्त” सुरेश नागरे ने मिल कर 34 रेल रेक बिना चालान के बांग्लादेश भेज दिया.”
उठ रहे हैं कई सवाल
बाबूलाल मरांडी के इस ट्वीट के बाद फिर से अवैध मामले इसमें हो रहे अवैध परिवहन को लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है. सवाल उठ रहा है कि सीएम हेमंत को क्या पता था कि उनके भाई द्वारा अवैध तरीके से परिवहन किया जा रहा है? अगर पता था तो कार्रवाई क्यों नहीं की? जिला खनन कार्यालय द्वारा पत्र जारी करने के बाद DMO ने क्या कार्रवाई की? अगर कार्रवाई नहीं की तो क्यों नहीं की? क्या इसमें DMO और परिवहन अधिकारी की भी संलिप्तता है? ऐसे और भी कई सारे सवाल उठ रहे हैं, कि जब सीएम रेलवे अधिकारियों की संलिप्तता के लिए जांच टीम बना सकते हैं तो क्या आपने भाई पर लगे इस अराओप के लिए वो जांच कराएंगे?
रेलवे अधिकारियों की संलिप्तता के लिए सीएम ने बनाया जांच टीम
बता दें कि हाल ही में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने एक हाई लेवल टीम बनाने का निर्णय लिया है, जो अवैध खनन में शामिल अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी. इस बारे में सीएम हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए सीएम ने अवैध खनन और इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जांच के लिए बनाई गई टीम को सहयोग करने के लिए रेलवे अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है.
सीएम ने रेल मंत्री को पत्र में ये लिखा था
इस पत्र में सीएम ने रेल मंत्री को लिखा था कि झारखण्ड में अवैध खनन को बढ़ावा देने में रेलवे और इनके पदाधिकरियों की संलिप्तता प्रतीत होती है और एक साजिश के तहत रेलवे के द्वारा झारखण्ड राज्य के JIMMS पोर्टल से अपने FIOS को integrate नहीं किया जा रहा है और बगैर चालान अथवा फर्जी चालान के आधार पर अवैध रूप से खनिज संपदा का रेल मार्ग से परिवहन किया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार के द्वारा अवैध खनन और इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है. सीएम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जायेगा.
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