टीएनपी (TNP DESK)- झारखंड-बिहार में डेंगू का प्रकोप हर दिन बढ़ता ही जा रहा है, अब डेंगू मरीजों की इस बढ़ती संख्या के सामने प्रशासन भी हलकान नजर आने लगा है, जिस हिसाब के संभावित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, उस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग में गंभीरता नहीं देखी जा रही है, ताजा जानकारी के अनुसार अब तक बिहार में करीबन नौ सौ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा तीन सौ पार कर चुका है. इन आंकडों को देख कर लोगों की कंपकंपी छूट रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
बुखार और कंपकंपी की शिकायत के साथ लोगों का आना जारी
राजधानी रांची के रिम्स और दूसरे निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग बुखार और कंपकपी की शिकायत के साथ एडमिट हो रहे हैं. जांच के बाद इनमें से अधिकांश में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले निकल रहे है. राज्य में संभावित डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या 300 से उपर पहुंच चुकी, हालांकि अभी उनके बल्ड सैंपल के नतीजे का इंतजार किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार पूर्वी सिंहभूम-109, संथाल परगना-21, हजारीबाग13, दुमका-21, देवघर-7, धनबाद-12, गढ़वा-तीन कोडरमा-दो, पलामू में दो सदिंग्ध मरीज सामने आ चुके है. जबकि अकेले रांची में चिकनगुनिया के 95 संदिग्ध मरीज हैं, राज्य भर में चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या करीबन 240 तक पहुंच चुकी है.
बिहार में स्थिति और भी बुरी
उधर बिहार में स्थिति और भी बुरी है, पूरे बिहार से अब तक करीबन 900 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. जिनका इलाज राज्य के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है, हालांकि बड़ी संख्या में सरकारी अस्पताल से बाहर लोग निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं, जिसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है. पिछले 48 घंटों में करीन 200 नये मरीजों की पुष्टि हो चुकी है.
कहां कितने मरीज
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधानी पटना में अब तक-308, भागलपुर-168,मंगेर-09,नालंदा-10, वैशाली-40, जहानाबाद-3, गया-47, पूर्वी चंपारण-18, मुज्जफरपुर-24, गोपालगंज-01 और सिवान में पांच मरीजों की पुष्टि हो चुकी है.
डेंगू के डंक से ज्यादा कंपकंपी निजी अस्पतालों के बिल से छूटने वाली है
हालांकि जानकारों का मानना है कि बरसात आते ही हर वर्ष मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैलता है, लेकिन इस बार का कहर कुछ ज्यादा ही है, सबसे बड़ी समस्या इस बार डेंगू के साथ चिकनगुनिया की दोहरी मार की है, अभी भी बरसात खत्म होने में करीबन एक माह का समय बाकी है, इस एक माह में यह बढ़ता आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. क्योंकि जैसे जैसे सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ेगी, लोग निजी अस्पतालों का रुख करेंगे और उससे बाद सामने आयेगी निजी अस्पतालों के लूट की कहानी, जहां मरीजों को डेंगू की डंक से ज्यादा अस्पातालों के बिल से कंपकंपी छूटने की शिकायत आयेगी. स्वास्थ्य विभाग के सामने असली चुनौती लोगों के इन निजी अस्पतालों से बिल से छूटने वाली कंपकंपी से बचाने की है.
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