टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आगामी 13 दिसंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. यह सत्र 13 दिसंबर से शुरू होगा जो 19 दिसंबर तक चलेगा. बता दें कि इस पांच दिवसीय बैठक में कई महत्वपूर्ण विधयक और राजकीय कार्य किए जाएंगे. वहीं, विपक्ष के तेवर को देखते हुए लगता है कि 13 से 19 दिसंबर तक चलने वाला सत्र हंगामेदार रहेगा. सत्र के दौरान दोनों सदन में भाजपा तेवर में रहेगी.
बता दें कि 13 दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र के पहले दिन नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा. 14 और 15 दिसंबर को विधायक और अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे. सदन के चौथे दिन यानी कि 16 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2022 और 2023 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद होगा. इसके साथ ही मतदान और उससे संबंधित विनियोग विधेयक पास किए जाएंगे. वहीं, पांच दिवसीय इस सत्र में 17 और 18 दिसंबर को सदन की कार्यवाही नहीं होगी.
बांट दिए गए हैं विभाग
बता दें कि 19 दिसंबर को गैर सरकारी कार्य या यूं कहें गैर सरकारी संकल्प विधानसभा में लाए जाएंगे. पांच दिवसीय सत्र के लिए सभी प्रभारी मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए हैं. पूर्ण रूप से यह शीतकालीन सत्र चार दिन ही संचालित हो पाएगी. पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के लिए विपक्ष रणनीति तैयार कर रही है. बिहार विधानमंडल का मंगलवार से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र कई मायनों में विशेष रहेगा.
अराजकता जैसे विषय पर घेरने की तैयारी
इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार को विधि-व्यवस्था के मुद्दे से लेकर अफसरशाही, भ्रष्टाचार और अराजकता जैसे विषय पर घेरने की तैयारी की है. साथ ही विभिन्न विभागों में हुई धांधली, लंबित जांच रिपोर्ट को दबाने और गड़बड़ियां उजागर होने के बाद भी कार्रवाई के बजाए लीपापोती को लेकर विपक्ष के मुखर रहने की आशंका है. शराबबंदी, लंबित नियुक्ति प्रक्रिया और श्रम संसाधन के लंबित जांच रिपोर्ट दोनों सदन में पेश नहीं करने पर भाजपा जवाब मांगेगी.
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