रांची(RANCHI)- लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में वकील के भेष में अपराधियों के द्वारा गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या को भाजपा शासित राज्यों की आम कहानी बताते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यह कोई अनहोनी और अकेली घटना नहीं है. भाजपा शासित राज्यों की यह आम कहानी है, कुछ दिन पहले ही वहां पत्रकार के भेष में आये अपराधियों ने अतीक अहमद को गोलियों से भून दिया था, अब संजीव जीवा की हत्या की हत्या कर दी गई.
रघुवर शासन काल में देखने को मिल रहा था यही नजारा
इसके पहले भी दिल्ली और मध्य प्रदेश में भी इस तरह की हत्याएं हो चुकी है. रघुवर दास के शासन काल के दौरान झारखंड में भी यही सब कुछ देखने को मिल रहा था, दो जून 2015 को हजारीबाग कोर्ट में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को पेशी के लिए पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट लाये जाने के दौरान पांडेय गिरोह कोर्ट परिसर में ही गोलियों से भून दिया था. उस हमले में उसके दो सहयोगी ग्यासुद्दीन और कलाम खान की भी हत्या कर दी गयी थी. ह्त्यारे एके-47 के साथ कोर्ट परिसर में पहुंच गये थें और तब की पुलिस यह सब कुछ देखती रह गयी थी, ठीक इसी प्रकार की वारदात जमशेदपुर में भी देखने को मिली थी.
मुख्तार अंसारी गिरोह का कुख्यात गैंगेस्टर था संजीव जीवा
ध्यान रहे कि संजीव जीवा को मुख्तार अंसारी गिरोह का कुख्यात गैंगेस्टर माना जाता था. वह भाजपा नेताब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. सात जून को लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में पेशी के दौरान एक वकील के भेष में आये अपराधी ने उसकी हत्या कर दी थी. हमलावर की पहचान विजय यादव के रुप में हुई है. गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद के बाद यह यूपी की दूसरी घटना है जब कोर्ट परिसर में अपराधियों ने हत्या की है. इस हत्या के बाद पूरे यूपी में वकीलों के बीच भय का माहौल है, वे अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है.
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