Patna- राजद कृषि रोड मैप को लेकर दो फाड़ में बंटता नजर आने लगा है, एक तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सरकार की उपलब्धि गिना रहे हैं, इस बात का दावा कर रहे हैं कि इस कृषि रोड मैप पर चलते हुए बिहार ने कृषि क्षेत्र में लम्बी छंलाग लगायी है, जिसके कारण ना सिर्फ किसानों की आय में सुधार में हुआ है, बल्कि मोटे अनाज के उत्पादन में भारी वृद्धि भी हुई है, इसके साथ ही मछली और अंडे के उत्पादन में भी बिहार ने लम्बा छलांग लगाया है. वहीं पूर्व कृषि मंत्री और राजद नेता सुधाकर सिंह इन तमाम दावों को नकारते हुए कृषि क्षेत्र में बिहार को लगातार पिछड़ने का आरोप लगा रहे हैं.
सुधारकर सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल का मानना है कि बिहार कृषि क्षेत्र में पीछे जा चुका है. साल 2020 का चुनाव लड़ते हुए हमारी पार्टी ने कहा था कि हम कमाई, दवाई, सुनवाई वाली सरकार बनाएंगे. लेकिन हम उस दिशा में चलते हुए दिख नहीं रहे हैं. हालांकि उन्होंन कहा कि हमने अभी तक चौथा कृषि मैप नहीं देखा है, एक बार उसे भी देख ले उसके बाद ही उस पर टिप्पणी करना बेहतर होगा.
ध्यान रहे के सुधाकर सिंह लम्बे समय से बिहार में मंडी कानून को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, उनका मानना है कि मंडी कानून को समाप्त कर नीतीश कुमार की सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है, अभी चंद दिन पहले ही किसान नेता टिकैत से उनकी बात हुई थी. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद राकेश टिकैत एक बड़ा किसान आन्दोलन चलाने की धमकी दी थी.
हालांकि भाजपा नेता सुशील मोदी के द्वारा कृषि रोड मैप पर सवाल उठाये जाने को हास्यास्पद बताते सुधाकर सिंह ने कहा कि जब कृषि रोड मैप का निर्माण किया जा रहा था, तब तो सुशील मोदी भी सरकार का हिस्सा थें, उन्हे इस प्रश्न उठाने के बजाय इसका जवाब देना चाहिए.
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