रांची(RANCHI)- पलामू एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 12 साल पुराने एक मामले में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को राहत प्रदान की है. जज सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने इस मामले में गवाहों का बयान और दूसरे साक्ष्यों के आधार पर पूर्व सीएम को बरी करने का फैसला सुनाया है.
29 अप्रैल 2011 को साहित्य समाज चौक पर किया गया था विरोध प्रर्दशन
ध्यान रहे कि यह मामला करीबन 12 वर्ष पुराना है, दरअसल 29 अप्रैल 2011 को पलामू स्थित साहित्य समाज चौक के पास अतिक्रमण हटाये जाने के विरोध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा थें, जिसके बाद प्रशासन के द्वारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी.
अधिवक्ता का दावा पूर्व सीएम ने अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं किया था
आज मामले की सुनवाई के बाद बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता अनिल पांडे ने कहा कि पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कभी भी अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं किया था, उनकी मांग सिर्फ पीड़ित परिवारों को पुनर्वासित करने की थी. ताकि पीड़ित परिवार के साथ ही न्याय हो सके, वह विस्थापित होकर दर दर की ठोकरें खाने को बाध्य नहीं हो. यह कोई गैरकानूनी मांग नहीं थी, किसी का उजाड़ने के पहले उसके पुनर्वासित करने की व्यवस्था करना तो प्रशासन का दायित्व है.
एडीएम विधि व्यवस्था मुकुल पांडेय ने दर्ज करवायी थी प्राथमिकी
इसके साथ ही उनके पास एसडीओ के द्वारा निर्गत अनुमति पत्र भी था, बावजूद इसके एडीएम विधि व्यवस्था मुकुल पांडेय के द्वारा सिर्फ बाबूलाल मरांडी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी. इसे कहीं से उचित नहीं कहा जा सकता था, 12 साल बाद ही सही इस मामले में न्याय आया और पूर्व सीएम को मुक्त किया गया. देर से ही सही उनके साथ न्याय हुआ.
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