रांची : झारखंड में अभी सियासी तूफान मचा हुआ है. ये तूफान कितने समय या कितने दिनों तक रहेगा ये किसी को मालूम नहीं. ये सियासी तूफान झारखंड में अचानक नहीं आया है इसकी आहट काफी दिनों से थी. सीएम आवास में करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ईडी के द्वारा किया गया. जिसके बाद राज्य में सियासी घमासान शुरू हो गया. बता दें कि ईडी तो सिर्फ एक मोहरा है, इसके पीछे सियासी खेल कोई और खेल रहा है. झारखंड में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को देखेंगे तो ऐसा लगता है कि इसका असर आने वाले समय तक दिखेगा.
चंपई सोरेन ने राज्यपाल को भेजा पत्र
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में सत्तारुढ़ पार्टियों ने विधायक दल के नेता के रूप में चंपई सोरेन को चुना है. अब जब चंपई सोरेन ने सरकार गठन के लिए विधायकों से मिले समर्थन पत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंपा, तो राज्यपाल ने कहा कि सूचना का इंतजार कीजिए. करीब 18 घंटे के बाद राज्यपाल ने उन्हें मुलाकात के लिए 5ः30 बजे का समय दिया. आपको हम यहां बता दें कि राज्यपाल ने सिर्फ मुलाकात के लिए समय दिया है, सरकार गठन के लिए नहीं. इससे पहले विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राजभवन को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात के लिए 3 बजे के समय की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें मुलाकात के लिए 5ः30 बजे बुलाया. वहीं चंपई सोरेन के नेतृत्व में पांच विधायक राजभवन पहुंचे, जहां राज्यपाल से मुलाकात हो रही है. राज्यपाल से मिलने चंपई सोरेन के साथ आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, प्रदीप यादव और विनोद सिंह पहुंचे हैं.
खतरा अभी टला नहीं है
राज्यपाल के बुलावे को अब आप इसे चंपई सोरेन के लिए राहत समझिये या कुछ और. लेकिन झारखंड पर सियासत का खतरा अभी भी मंडरा रहा है. खतरा अभी टला नहीं है. यहां पल में कुछ भी हो सकता है. इसलिए सत्तारुढ़ पार्टी अपनी तैयारी पहले से ही कर ली है. सत्तारुढ पार्टियों का मानना है कि अगर सरकार बनाने का न्यौता राजभवन से तुरंत नहीं मिला तो सभी विधायकों को हैदराबाद सिफ्ट कर दिया जाएगा और यहां सिर्फ 5 विधायक ही मौजूद रहेंगे. हैदराबाद जाने के लिए चार्टड प्लेन भी रांची एयरपोर्ट पर पहुंच गई है. जिससे सभी विधायकों को एक साथ हैदराबाद ले जाया जाएगा. बताया जाता है कि अभी सभी विधायक सर्किट हाउस में ही है और राज्यपाल के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं.
राजभवन से बुलावा, क्या है सियासी संकेत
राज्यपाल से मुलाकात के लिए राजभवन ने सिर्फ 5 विधायकों को कहा है. यानि सिर्फ पांच विधायक ही राज्यपाल से मुलाकात करने गए हैं. ऐसे में कई सियासी संकेत निकलकर सामने आ रही है. हालांकि सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई है. बता दें कि चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. जबकि आलमगीर आलम ने 47 विधायकों के समर्थन देने की बात कही है. वहीं रांची के सर्किट हाउस में सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक सियासी संकट पर मंथन कर रहे हैं. इस बीच हेमंत सोरेन की भाभी व विधायक सीता सोरेन भी सर्किट हाउस पहुंच गई हैं.
रिपोर्ट: संजीव ठाकुर
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