राजनीतिक भूचाल:चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार का दो टुक, गांव से लेकर दिल्ली तक के संपत्ति का हो बंटवारा

हाजीपुर(HAJIPUR):पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के परिवार में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. उनके परिवार में टूट पड़ चुकी है. एक तरफ जहां चिराग पासवान और उनकी बड़ी मां एक तरफ हैं तो वहीं पशुपति पारस पैतृक संपत्ति विवाद को लेकर सवालों के घेरे में है. लगातार पारिवारिक विवाद राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.इसी बीच पशुपति कुमार पारस ने बड़ा बयान दिया है, औप कहा है कि पहले पार्टी टूटी, दिल टूटा, अब घर तोड़ने की तैयारी सुनियोजित तरीके से चल रही है. वह भी शहरबनी से लेकर दिल्ली तक बंटवारे की मांग किया है.
यह पारिवारिक नहीं राजनीतिक मतभेद है
पशुपति कुमार पारस का यह बयान पारिवारिक पैतृक संपत्ति विवाद को लेकर आया है. संपत्ति बंटवारे के विवाद ने राजनीतिक उथल-पुथल मचा दिया है.पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि 50 वर्ष से हमारी बड़ी भाभी वहीं रहती हैं, जिन्हें हम अपने बड़ी मां मानते हैं हमारा पैतृक संपत्ति है, जिसमें हम तीनों भाई रहते हैं. हमारा परिवार सहित तमाम लोगों का परिवार रहता है,यह राजनीतिक मतभेद है. आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी है. हम इस पर विशेष बात नहीं करेंगे घर की बात है और हम घर में ही रखेंगे पासवान जी की पत्नी पढ़ी-लिखी नहीं है और थाने में जो FIR हुआ है उसमें दस्तक कराकर भेज दिया गया है. वह अंगूठा लगती है और पूरा यह जांच का विषय है. जांच होगा तो सब कुछ पता चल जाएगा.
शहरबनी से दिल्ली तक हो बंटवारा
पशुपति पारस ने कहा कि बंटवारा होना चाहिए हम इसके पक्ष में हैं दिल्ली पटना, खगड़िया, शहरबनी जहां पर भी है. बंटवारा होना चाहिए उनका जो हक बनता है उन्हें मिलना चाहिए हम तीन भाई हैं तीनों भाई को हिस्सा मिलना चाहिए पासवान जी का जो हिस्सा है. उसमे भाभी मां को भी मिलना चाहिए पासवान जी के परिवार के लोग हैं. वह अपने हिस्सा में से उन लोगों को दे दे उनके पति नहीं है और 50 वर्ष से मेरा जॉइंट फैमिली है. फैमिली है जब दल बट गया तो दिल भी बट गया दल तो कभी जुड़ सकता है, लेकिन दिल कभी नहीं जुड़ सकता है 10 से 15 दिन के अंदर सब बात सामने आ जाएगा.
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