रांची(RANCHI): झारखंड सरकार में परिवाहन मंत्री चंपाई सोरेन और विभागीय सचिव के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि मंत्री ने एक निर्देश जारी किया है. जारी निर्देश के अनुसार परिवाहन आयुक्त विभाग का कोई भी नीतिगत फैसले मंत्री को दिखाए बिना ना लें. इतना ही नहीं मंत्री ने विभाग की सभी फाइलें अपनी पास मंगवा ली है. ताकि वो उसकी जांच कर सके.
दरअसल, इस कड़े आदेश के पीछे नागालैंड में रजिस्टर्ड ट्रक और ट्रेलर से झारखंड में अवैध रूप से हो रही माल ढुलाई के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार परिवहन मंत्री ने 18 अक्टूबर, 2022 को बफ शीट जारी कर विभागीय सचिव राजेश शर्मा को केवल दैनिक कार्यों को ही निपटाने का निर्देश दिया है. लेकिन मंत्री के इस निर्देश को प्रशासनिक व्यवस्था में हस्तक्षेप माना जा रहा है. बता दें कि झारखंड कार्यपालिका नियमावली के अनुसार सचिव और आयुक्त को कई अधिकार पहले से ही मिले हैं. वहीं, मंत्री और सचिव के अधिकारों का भी विभाजन तय किया हुआ है. झारखंड कार्यपालिका नियमावली और परिवहन से जुड़े विभिन्न कानूनों में परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त को सीधा निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है, ऐसे में मंत्री चंपाई सोरेन का यह आदेश नए विवाद को खड़े कर दिए हैं.
नागालैंड रजिस्ट्रेशन का पूरा खेल समझिये
दरअसल, परिवहन विभाग को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार लगभग राज्य में एक लाख बड़े ट्रक और ट्रेलर झारखंड में माल ढुलाई का काम करते हैं लेकिन सभी गाड़ी नागालैंड में रजिस्टर्ड हैं. वहीं, मिली जानकारी के अनुसार इन ट्रकों और ट्रेलरों की माल ढुलाई की क्षमता औसतन 30 मीट्रिक टन निर्धारित है. इस आधार पर हर साल इन्हें 800 मीट्रिक टन माल ढुलाई का रोड टैक्स परिवहन विभाग को देना है, जो लगभग 240 करोड़ होता है. लेकिन, नागालैंड में रजिस्टर्ड ट्रक और ट्रेलर झारखंड सरकार को टैक्स नहीं देते है. झारखंड के कई जिलों से नागालैंड रजिस्टर्ड ट्रक और ट्रेलर को पकड़कर कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा है. इस पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वहीं, इस तरह के कई और मामले हैं, जिससे राजस्व का हानि होता है. उन सभी मामलों पर परिवहन आयुक्त ने कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
परिवाहन आयुक्त के कार्रवाई से मंत्री नाराज
झारखंड में परिवहन आयुक्त राजेश शर्मा हैं और उन्होंने अपने अधिकारों के तहत कुछ मामलों में मंत्री से पूछे बिना सीधे तौर पर फैसले कर रहे हैं. इससे ही मंत्री नाराज चल रहे हैं. दरअसल, आयुक्त ने नागालैंड में रजिस्टर्ड वाहनों के झारखंड में परिवहन से जुड़ा है. इस मामले में भी उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी कार्रवाई को लेकर परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन नाराज हो गए हैं. इसी के बाद उन्होंने बफ शीट लिखकर केवल दैनिक कार्यों के ही निष्पादन का निर्देश विभागीय सचिव को दिया है. ताकि नागालैंड में रजिस्टर्ड वाहनों के ऊपर होने वाली कार्रवाई की फाइल भी उनके पास आए.
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