रांची(RANCHI)- वर्ष 2021 में झारखंड विधान सभा के अन्दर नमाज कक्ष का आवंटन मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अदालत में सुनवाई हुई. विधान सभा की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अनिल कुमार ने कोर्ट के समक्ष यह जानकारी दी कि मामले में गठित सर्वदलीय जांच कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. 31 जुलाई यह रिपोर्ट आने वाला है, जिसके बाद इसे कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया जायेगा. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तिथि 22 जून को निर्धारित की है.
ध्यान रहे कि इस मामले में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में दो मई सुनवाई हुई थी, तब भी कमेटी का रिपोर्ट आने की बात कही गयी थी. लेकिन आज की सुनवाई के दौरान भी इस रिपोर्ट को पेश नहीं किया जा सका, अब सरकार की ओर से इस रिपोर्ट को 31 जुलाई को प्रस्तूत करनी की बात कही गयी है.
क्या है विवाद की वजह
यहां बता दें कि 02 सितंबर 2021 को विधान सभा अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो के द्वारा कमरा नंबर TW-348 को अल्पसंख्यक विधायकों और विधान सभा के कर्मियों के लिए नमाज पढ़ने के लिए आंवटित किया गया था. आदेश की कॉपी पर विधान सभा के उपसचिव नवीन कुमार का हस्ताक्षर है.
इस आदेश को जारी होते ही भाजपा आक्रमक हो गयी, उसके द्वारा इसे अल्पसंख्यक मतों का ध्रुवीकरण की कोशिश बताया गया. हालांकि तब सत्ता पक्ष की ओर से दावा किया गया था कि यह कोई नयी परिपाटी नहीं है, और पूर्व सीएम रघुवर दास के समय भी अल्पसंख्यक विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए इसी कमरे का प्रयोग होता था, हेमंत सोरेन की सरकार ने इसे महज एक औपचारिक रुप दिया है. विवाद बढ़ता देख कर विधान सभा की ओर से एक सर्वदलीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया, इस बीच अजय मोदी के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दायर इस आदेश को चुनौती दी गई.
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