रांची(RANCHI): 36 घंटे बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अचानक से उसी सीएम हाउस से ही मीडिया के सामने दिखाई दिए. जहां उनके बारे में कई तरह कयास लगाए जा रहे थे. यहां तक कि बीजेपी आक्रमक अंदाज में उन्हें लापता घोषित कर दिया था, उसका भी पटाक्षेप हो गया. दरअसल सीएम हाउस के अंदर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्तारुढ़ दल के विधायकों और नेताओं की बैठक हो रही थी। इधर सीएम हेमंत को लेकर अंदरग्राउंड होने की तमाम खबरें और सियासी चर्चा चल रही थी. जैसे ही सीएम हेमंत का कॉरकेड मीडिया के कैमरे में कैद हुआ वैसे ही इस पर पूर्ण विराम लग गया. खास कर भाजपा जिस आक्रमक अंदाज में उनकी गैर मौजूदगी को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही थी उस पर भी पूर्ण विराम लग गया.
झामुमो से ज्यादा बीजेपी को रही थी सीएम की चिंता!
सीएम हेमंत की फिक्र में मरी जा रही भाजपा थाने में रपट लिखवा दी. इधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत की सूचना देने वालों को 11 हजार का इनाम घोषित कर दिए थे. झामुमो से ज्यादा सीएम की चिंता भाजपा को हो रही थी. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रकट होने पर एक बार फिर बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर तंज कसा है.
सीएम हेमंत को लेकर क्या बोले बाबूलाल मरांडी ?
सोशल मीडिया एक्स पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तंज कसते हुए लिखा कि 28 जनवरी की रात दिल्ली वाले घर से देर रात पैदल भागे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के क़रीब चालीस घंटे बाद रांची वाले सीएम आवास सुरक्षित एवं सकुशल लौट आने से लोगों ने राहत की सांस ली है. उन्होंने लिखा कि हेमंत जी को दिल्ली से लेकर झारखंड तक केंद्रीय एजेंसियों से बचते-बचाते, दौड़ते-भागते, हॉंफते-हांफते 1295 किमी की दूरी गिरते-पड़ते तय करने के भागमभाग में कितने कष्ट उठाने पडे़् होंगे? ये बेचारे हेमंत ही समझ रहे होंगे और भगोड़ागिरी के दरम्यान दिल्ली जाने का सुझाव देने वाले अपने लोगों को भरदम गरिया रहे होंगे. लगता है कि अब दिल्ली की बात तो दूर हेमंत जी निकट भविष्य में झारखंड के बार्डर पार सड़क तो सड़क हवाई मार्ग से भी कहीं जाने की गलती सपने में भी नहीं करेंगे.
सीएम हेमंत को दिल्ली जाने का किसने दिया सुझाव?
बता दें कि बीते दो दिनों की घटनाक्रम से संवैधानिक संकट राज्य में उत्पन्न हो गया था. लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे. इस मामले पर विपक्ष सवाल उठाना शुरू कर दिया. सीएम हेमंत के रांची पहुंचने से पहले बीजेपी के नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गायब होने का मामला अरगोड़ा थाना में दर्ज करा दिया था और जल्द से जल्द खोजने की अपील की. विपक्ष का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन गलत सलाह के शिकार हो गए. उनको किसी ने गलत सलाह दी जिसके कारण ये स्थिति उत्पन्न हुई. बाबूलाल ने यहां तक कह दिया कि ये बेचारे हेमंत ही समझ रहे होंगे और भगोड़ागिरी के दरम्यान दिल्ली जाने का सुझाव देने वाले अपने लोगों को भरदम गरिया रहे होंगे. बाबूलाल मरांडी ने जो सवाल किया है वह वाकई में लाजमी है. आखिर सीएम को किसने दिल्ली जाने का सुझाव दिया. हो सकता है इस मामले पर सीएम हेमंत मुख्यमंत्री आवास में सत्तारुढ़ पार्टी की बैठक में जुरूर पूछे होंगे. ये जांच का विषय है.
सीएम हेमंत ने ईडी की कार्रवाई को बताया पॉलिटिकल एजेंडा
बता दें कि सियासी उठापटक से पहले ईडी ने सीएम को फिर से समन भेजा था. जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को मेल के जरिए पत्र भेजा. जिसमें सीएम ने कहा कि आपकी ओर से की जा रही कार्रवाई पॉलिटिकल एजेंडा के तहत राज्य की सरकार के कामकाज को बाधित करने और निर्वाचित जनप्रतिनिधि को उसकी ऑफिशियल ड्यूटी से रोकने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश है. ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को सीएम ने लिखा है कि आप भलीभांति अवगत हैं कि 2 फरवरी से 29 फरवरी के बीच विधानसभा का बजट सत्र आयोजित होना है, जिसकी तैयारी को लेकर मेरी व्यस्तता है. इसके बावजूद 31 जनवरी या उसके पहले उनका बयान दर्ज करने के लिए जोर दिए जाने से आपका पॉलिटिकल एजेंडा उजागर हो गया है. ये समन कानून की ओर से दी गई शक्तियों का दुरुपयोग और पूरी तरह उन्हें परेशान करने की कार्रवाई है.
रिपोर्ट: संजीव ठाकुर
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