टीएनपी डेस्क (TNP DESK): देश की राजनीति में नेताओं की शिक्षा और उनके प्रमाण पत्र पर शुरु से ही हो-हंगामा होता आया है. कभी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तो, कभी अन्य पार्टी की नेताओं की डिग्री पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है. जब से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर उनके डिग्री को लेकर सवाल किया था. तब से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है.
पीएम की डिग्री को फर्जी बताना केजरीवाल को पड़ा था महंगा
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के डिग्री पर सवाल करते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा था कि अगर जांच की जाती है. तो, इनकी डीग्री फर्जी निकलेगी. इसको लेकर गुजरात विश्वविद्यालय से जांच की मांग की थी. इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के सात साल पुराने मामले को रद्द कर दिया था. जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय से पीएम की डीग्री की जानकारी देने की मांग की गई थी. अदालत ने केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया था.
बीजेपी और आप में फिर छिड़ी डिग्री जंग
इसके बाद डिग्री की ये लड़ाई बीजेपी और आम आदमी के बीच की लड़ाई हो गई है. इसी को लेकर आप पार्टी की नेता सह मंत्री आतिशी ने डिग्री दिखाओं अभियान की शुरुआत की है. जिसमें सभी बीजेपी के नेताओं को अपनी शिक्षा से जुड़े प्रमाण पत्र दिखाने की अपील की हैं.
मंत्री आतिशी ने सबसे पहले दिखाई अपनी डिग्री
सबसे पहले आप पार्टी की मंत्री आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर तमाम मिडिया पत्रकारों के सामने दिल्ली यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की डिग्रियां दिखाकर इस अभियान की शुरुआत की. मौके पर उन्होंने कहा कि डिग्री दिखाओ अभियान के तहत सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को बारी-बारी से अपनी डिग्रियां दिखानी चाहिए. बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि खास कर बीजेपी पार्टी के नेताओं को अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े प्रमाण पत्र जरुर दिखाना चाहिए.
इससे पहले भी कई नेताओं की योग्यता पर उठे हैं सवाल
देश में इससे पहले भी विभिन्न राज्यों के नेताओं की डिग्रियों पर सवाल उठते रहे हैं. इससे पहले केद्रींय मंत्री स्मृति ईरानी पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लग चुका है. लेकिन पीएम पर उठे सवाल के बाद ये मुद्दा बड़ा हो गया. तो वहीं, झारखंड में दिवंगत आत्मा भी पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पर लगातार विपक्षी पार्टियों की ओर से सवाल उठाया जाता था. जिससे बचने के लिए जगरनाथ महतो ने पढ़ाई भी शुरु की थी. ताकि लोग उनको शिक्षा को लेकर ताना ना मारे.
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