रांची(RANCHI): झारखंड की सियासत में चंपाई सोरेन अनसुलझी पहेली बन गए हैं. आगे क्या करने वाले हैं किसी को भनक नहीं लग रही है. बस दिल्ली से रांची और वापस दिल्ली पहुँच कर सियासी पारा बढ़ा रहे हैं. लेकिन अब इस चर्चा पर चंपाई खुद विराम लगाने वाले हैं. दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद बड़ा दाव खेलने की तैयारी हैं. सूत्रों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा में सीधे शामिल नहीं होंगे.बल्कि नई पार्टी का गठन कर गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में जाने की तैयारी में हैं. इसकी पृष्टभूमि लगभग तैयार हो चुकी है.
दरअसल झारखंड में नवंबर में चुनाव होना है. इससे पहले झामुमो को उनके सबसे कद्दावर ने ही बगावत का झण्डा बुलंद कर दिया. इसके बाद से ही सियासत अपने उफान पर है. हर दिन चर्चा शुरू होती है कि अब कोल्हान का टाइगर कोई बड़ा स्टेप लेने वाले हैं. पिछले सप्ताह जब चंपाई सोरेन दिल्ली गए तो चर्चा शुरू हुई कि चंपाई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो जाएंगे. लेकिन वह वापस झारखंड लौट गए. दिल्ली से बगावत का झण्डा बुलंद कर वापस लौटे. इसके बाद अब उनके अगले स्टेप का इंतजार किया जा रहा है.
अब फिर सोमवार को जमशेदपुर टू कोलकाता होते हुए दिल्ली पहुँच गए. इस दौरान चंपाई के अलावा दिल्ली में झारखंड के एनडीए गठबंधन के कई नेता भी मौजूद है. जिसमें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, भाजपा झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा अर्जुन मुंडा भी मौजूद है. सभी की मुलाकात अमित शाह से हुई है. इस दौरान झारखंड में चुनाव को लेकर बैठक में चर्चा हुई है. सूत्रों की माने तो चंपाई भी अमित शाह से मिले है. इस दौरान उनके कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है.
सूत्रों की माने तो चंपाई सोरेन सीधे भाजपा में शामिल नहीं होंगे. बल्कि अलग पार्टी बना कर एनडीए फ़ोल्डर में शामिल हो सकते है.इसे लेकर अमित शाह से भी बात हुई है.कोल्हान में कैसे आगे की लड़ाई लड़ना है और चंपाई की क्या भूमिका होगी. साथ ही अगर सत्ता में एनडीए आती है तो उसमें उन्हे क्या जिम्मेवारी मिलेगी. इस बिन्दु पर अमित शाह के साथ बात बन चुकी है. अब वापस एक से दो दिनों में चंपाई झारखंड लौट सकते है. इसके बाद नई पार्टी बनाने के दिशा में काम करेंगे. साथ ही चुनाव को लेकर कोल्हान में सभी को एक जुट रखने का काम करने में लग जाएंगे।
इससे साफ है कि टाइगर अब बड़ा खेल झारखंड में खेलेंगे. क्योंकि कोल्हान में 14 सीट है और ऐसा माना जाता है कि चंपाई की पकड़ इन सीट पर काफी मजबूत है. ऐसे में कोल्हान में भाजपा को एक मजबूत सहारा मिल जाएगा. जिसके जरिए राज्य की सत्ता में वापसी का दरवाजा खुल सकता है. हालांकि अब देखना होगा की चंपाई के झामुमो छोड़ने के बाद भी उनके समर्थक उनके साथ आएंगे या फिर तीर कमान ही संभाल कर रखेंगे. सब कुछ बहुत जल्द साफ होने वाला है.
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