Patna- टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के द्वारा शिक्षक नियमावली के विरोध को खारिज करते हुए प्रोफेसर चंद्रशेखर ने टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि सरकार किसी भी कीमत पर शिक्षक नियमावली को वापस लेने नहीं जा रही है. शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है, शिक्षकों को किसी नेतागीरी के चक्कर में पड़ने के बजाय अपना आवदेन भरने की पहल करनी चाहिए, शिक्षा मंत्री ने कहा कि महागठबंधन की सरकार 10 लाख सरकारी नौकरियों के अपने वादे से पीछे हटने वाली नहीं है.
शिक्षक नियमावली के विरोध में संधर्ष कर रहा है टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ
यहां बता दें कि बिहार सरकार के शिक्षक नियमावली का माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा और टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के द्वारा विरोध किया जा रहा है. हालांकि इस बीच सरकार ने शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया है, लेकिन शिक्षक संघ की ओर से सरकार के इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. गर्मी की छुट्टियों के बाद पटना हाईकोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है.
शिक्षकों की क्या है मांग
टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ का कहना है कि टीईटी की परीक्षा को उत्तीर्ण कर शिक्षकों ने पहले ही अपनी योग्यता का प्रमाण दे दिया है, अब जब की कई शिक्षक सेवानिवृति के कगार पर खड़े हैं, उन्हे बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में भाग लेने के लिए कहना ज्यादती है. सरकार को अपनी ही परीक्षा पर विश्वास क्यों नहीं है, क्यों बार बार शिक्षकों की योग्यता की परीक्षा ली जा रही है. शिक्षकों का कहना है कि 10-10 वर्षो से ये शिक्षक किसी खास विषय को पढ़ा रहे हैं, अब उन्हे दूसरी विषयों की परीक्षा कैसे ली जा सकती है.
बहाली को न्यायिक प्रक्रिया में उलझाने की साजिश
इस बीच शिक्षकों को अपना अपना आवदेन भरने की सलाह देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कुछ लोग इस बहाली को न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना चाहते हैं. यह एक साजिश है, शिक्षकों को सावधान रहना होगा. हर बात को कोर्ट ले जाने की मंशा ठीक नहीं है. सरकार ने नियमावली का निर्माण काफी सोच समझकर किया है, सरकार के इस फैसले से आम लोगों में खुशी है, कुछ लोग शिक्षकों के नाम पर नेतागिरी में लग गये हैं. लेकिन सरकार इससे विचलित होने वाली नहीं है.
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