TNP DESK: दुमका शिकारीपाड़ा भारतीय स्टेट बैंक शाखा के निलंबित ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार के खिलाफ सीबीआई ने एक और मुकदमा दर्ज किया है. ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार के खिलाफ धनबाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने आय से अधिक संपत्ति की नई प्राथमिक दर्ज की है. सीबीआई ने जांच के क्रम में एक जनवरी 2014 से एक जनवरी 2024 के बीच एक करोड़ 24 लाख रुपए की आय से अधिक संपत्ति पाई है. इससे पहले सीबीआई ने 2022 के नवंबर महीने में मनोज कुमार के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिक की दर्ज की थी. उनके खिलाफ ढाई करोड रुपए के घपले का आरोप है.
साइबर ठगों से मिलकर बैंक के ग्राहकों का मोबाइल नंबर बदल देते थे मनोज कुमार
सीबीआई को यह भी जानकारी मिली है की जालसाजी और साइबर अपराधियों से सांठ गांठ कर मनोज कुमार ने शिकारीपाड़ा में बैंक के रुपए का गवन किया. प्राथमिक के अनुसार साल 2013 से लेकर 2018 के बीच कई गड़बड़ियां कर मनोज कुमार ने बैंक को लगभग ढाई करोड़ रुपए का चूना लगाया. मनोज कुमार को 13 अप्रैल 2023 को बर्खास्त कर दिया गया है. पता चला है कि मनोज कुमार साइबर ठगों से मिलकर बैंक के ग्राहकों का मोबाइल नंबर बदल देते थे. बदले मोबाइल नंबर के आधार पर ग्राहकों के खाते से आसानी से साइबर ठगी की जाती थी.
पत्नी और बच्चों के नाम से जमा किया पैसा
बडहरवा रेलवे कॉलोनी के रहने वाले एक व्यक्ति के खाते से 11 लाख रुपए की ठगी में भी मनोज कुमार का नाम आया था. मनोज कुमार की कहानी भी थोड़ी अजीब है. सीबीआई को जांच में पता चला है कि पटना निवासी मनोज कुमार ने तीन शादियां की है. सुनीता देवी से 1995 में शादी की. इसके बाद उन्होंने नीलम सिन्हा से शादी की. नीलम सिन्हा की मौत कोरोना काल में हो गई. साहिबगंज में रहते हुए मनोज कुमार ने एक बच्चे की मां व तलाकशुदा महिला से शादी की. मनोज कुमार ने अपनी पत्नी सुनीता देवी, बेटी सौम्या और सोनाली के अलावा दूसरी पत्नी नीलम, उसके बच्चे सहित अन्य के नाम पर रुपए जमा किए थे.
एसबीआई के सभी शाखा में रहते हुए मनोज कुमार गड़बड़ी की
जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 1994 को मनोज कुमार बिहार से एसबीआई में नौकरी शुरू की थी. 2013 में वह साहिबगंज में पदस्थापित हुए. वह एसबीआई साहिबगंज के फुल बंगा ब्रांच में 23 फरवरी 18 से 1 अगस्त 18 तक रहे. इससे पहले वह साहिबगंज के बरहेट बाजार शाखा में 25 जुलाई 2016 से 22 फरवरी 2018 तक, साहिबगंज के पर्सनल बैंकिंग शाखा में 22 फरवरी 2014 से 24 जुलाई 2016 तक तथा साहिबगंज शाखा में 31 जनवरी 2013 से 21 फरवरी 2014 तक रहे थे. जांच में यह भी पता चला है कि सभी शाखा में रहते हुए उन्होंने गड़बड़ी की है. बर्खास्त होने के बाद अब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज हो गया है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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