जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर में अपराधियों का मनोबल अपने सातवे आसमान पर पहुंच चुका है. दरअसल जमशेदपुर के सिविल कोर्ट में सोमवार की दोपहर 3 बजे बदमाशों ने यूपी में चर्चित उमेश पाल हत्याकांड के स्टाइल में हमला कर गवाह को मारने की कोशिश की. लेकिन गनिमत रही की इस हमले में गवाह को गोली नहीं लगी और गवाह बाल-बाल बच गया. गोली बारी की घटना के बाद पुरे कोर्ट परिसर में अफऱा-तफरी का माहौल बन गया.
दो अपराधियों ने चलाई गोली
दरअसल सोमवार को जमशेदपुर सिविल कोर्ट में दोपहर को गेट नंबर 3 के पास बाइक सवार अपराधियों ने गवाही देने पहुंचे नवीन सिंह उर्फ (प्रवीण) को टारगेट कर दो गोलियां दाग दी. बताया जा रहा है कि स्कूटी सवार दो अपराधियों कोर्ट परिसर के बाहर पहुंचे और नवीन सिंह नामक युवक पर ताबड़तोड़ गोली चला दी. अपने उपर गोली चलता देख नवीन सिंह ने कोर्ट के अंदर भाग कर किसी तरह अपनी जान बचाई. जिससे उसकी जान बच गई. घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का महौल बन गया. मामले की सूचना मिलते ही सीतारामडेरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच में जुट गई है. इस संबंध में प्रवीण कुमार के वकील आनंद ने बताया कि मनप्रीत पाल हत्याकांड मामले में प्रवीण कि आज गवाही थी. फिलहाल सीतारामडेरा पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी फउटेज को खंगाल रही है. जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.
मनप्रीत हत्याकांड के गवाह पर हमला
पिछले साल हुई मनप्रीत सिंह की हत्या का नवीन कुमार सिंह गवाह है, नवीन सोमवार को इसी मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट पहुंचा था, जहां पहले से ही घात लगाए बाइक सवार आराधी ने इसपर फायरिंग कर दी. बता दे कि 8 जून 2022 को मनप्रीत पाल सिंह के घर में घुसकर बदमाशों ने मां के सामने ही हत्या कर दी थी. घटना के बाद इस मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की. पुलिस ने राहुल सिंह, गौरव और अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
इस से पहले भी हो चुकी है कोर्ट परिसर में फायरिंग
कोर्ट में गोली चलने की घटना के बाद कोर्ट के अधिवक्ताओं ने परिसर में सुरक्षा की गुहार लगाई है. बता दें कि जमशेदपुर के कोर्ट में गोली चलने की यह कोई पहली घटना नहीं इससे पहले भी कोर्ट परिसर में गोली चल चुकी है. इससे पूर्व गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गैंग ने कोर्ट परिसर में 30 नवंबर 2016 को उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. जिसके बाद दोबारा जमशेदपुर में ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया है. जो पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहा है.
रिपोर्ट. आदित्य सिंह
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