रांची: झारखंड में मंईयां सम्मान योजना को लेकर नया बखेड़ा शुरू हो गया है. एक तरफ विभाग द्वारा आयोग्य लाभार्थियों का नाम काटकर राशि की वसूली लीक करने की तैयारी की जा रही है तो दूसरी ओर अब झारखंड में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा इस मुद्दे को भुनाने में लग गई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़े लहजे में कहा है कि किसी भी कीमत पर राशि की वसूली नहीं करने देंगे.
मीडिया से बातचीत करने के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही हेमंत सोरेन जी की नियत में खोट आ गई है. रांची डीसी द्वारा सभी बीडीओ को पत्र भेजा गया है. पत्र में लिखा गया है कि पहले जिन भी आयोग्य लाभार्थियों को पैसा भेजा गया है अब उसे वसूला जाए. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले बिना रोकटोक के मुफ्त की रेवड़ी की तरह मंईयां सम्मान योजना की राशि बांटने वाली हेमंत सरकार अब महिलाओं से वसूली की तैयारी कर रही है. विभागों को विशेष दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि येन केन प्रकारेण, योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं का नाम छांटकर लाभुकों की संख्या सीमित रखी जाए.
हेमंत सरकार ने जब लाभार्थियों को खाते में पैसे भेजे तो उस समय क्या देख कर पैसे भेजे गए. उस समय छानबीन नहीं की गई और अब सीएम कह रहे हैं कि आयोग्य महिलाओं से पैसे वापस लिए जाए. लाभुक सत्यापन के नाम पर महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित रखने का प्रयास करने वाली हेमंत सरकार चुनाव के दरम्यान सभी महिलाओं को 2,500 रुपए मासिक वित्तीय सहायता देने का दंभ भरते थे. लेकिन सरकार बनते ही हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना में कई नई शर्तें थोप दीं हैं.
ऐसे में सभी महिलायें चिंतित है. गरीब महिलायें पैसा वापस कहां से दे पाएगी. ये सरकार गलत कर रही है. सरकार को उन अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने आवेदन की जांच नहीं की न की महिलाओं पर. महिलाओं से मंईयां सम्मान योजना की राशि की वसूली भाजपा नहीं होने देगी.
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