धनबाद(DHANBAD): तो क्या झारखंड भी बंगाल की राह पर चलेगा, क्या यहां भी केंद्रीय एजेंसी एवं राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच विवाद और बढ़ेगा. यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि राज्य के गृह विभाग ने पुलिस अधिकारियों को ईडी द्वारा समन के आलोक में हाजिर नहीं होने का निर्देश दिया है और यह स्थिति तब तक बनाए रखने को कहा गया है, जब तक सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हो जाता. इस संबंध में राज्य के गृह सचिव की ओर से डीजीपी को एक पत्र लिखा गया है. डीजीपी से यह कहा गया है कि वह प्रवर्तन निदेशालय से अनुरोध करें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले में कोई दिशानिर्देश आने तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए. इसी पत्र के आलोक में डीएसपी प्रमोद मिश्रा दूसरी बार भी समन जारी करने के बावजूद पूछताछ के लिए ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए. कहा गया है कि ईडी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर पुलिस अधिकारियों को समन जारी कर बुला रहा है. राज्य सरकार ने ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
क्या अवैध खनन का सर्वेक्षण सर्वेक्षण करने जा रही है केंद्र सरकार, जानिए
इधर, केंद्र सरकार ने झारखंड में चल रहे अवैध खनन का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. ईडी ने केंद्र सरकार को झारखंड में जारी अवैध खनन के सिलसिले में सूचना दी थी. कहा था कि इस अवैध खनन से राज्य के पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. ईडी की इस जानकारी के बाद उच्च स्तरीय बैठक में सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया गया है. ईडी ने केंद्र को बताया था कि झारखंड के वन क्षेत्र में भी अवैध उत्खनन हो रहा है ,लीज धारी भी अवैध उत्खनन कर रहे हैं. अवैध खनन के चलते पहाड़ी क्षेत्र भी समतल होते जा रहे हैं. झारखंड के विभिन्न जिलों में अवैध खनन को लेकर सैकड़ों प्राथमिकी दर्ज है. साहिबगंज में ही प्रतिदिन 400 से अधिक गाड़ियां पत्थर लेकर बाहर जा रही है. इधर, पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम को 24 घंटे के भीतर क्लीन चिट देने के मामले में ईडी ने बरहरवा के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद मिश्रा को पूछताछ के लिए दूसरा समन भेजा था. दूसरे समन पर उन्हें 15 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक की ईडी के रांची जोनल कार्यालय में पहुंचने को कहा गया था. लेकिन वह नहीं पहुंचे. इससे पहले 12 दिसंबर को प्रमोद मिश्रा को हाजिर होने के लिए कहा गया था .लेकिन उपस्थित नहीं हुए थे.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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