धनबाद सांसद ढुल्लू महतो भारी पड़ेंगे कि कोडरमा सांसद सुविधा छिनने में सफल होंगी, वंदे भारत का फेरा क्यों बनेगा तराजू, पढ़िए !


धनबाद (DHANBAD) : धनबाद होकर चलने वाली हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस के रूट को क्या बदल दिया जाएगा? क्या धनबाद होकर चलने वाली हावड़ा -गया वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन की तिथियों में कटौती होगी? आखिर क्यों इस ट्रेन को पूरा सवारी नहीं मिल रहे हैं? धनबाद होकर सप्ताह में 6 दिन चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के रूट में कुछ बदलाव की संभावना क्यों बढ़ गई है? केंद्रीय महिला एव बाल विकास राज्य मंत्री और कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन मधुपुर- न्यू गिरिडीह- कोडरमा होकर चलाने की मांग कर दी है. यदि इस मांग पर विचार हुआ तो 3 दिन यह ट्रेन धनबाद से छिन सकती है.
15 सितंबर 2024 को हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हुई थी
बता दें कि 15 सितंबर 2024 को हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हुई थी. धनबाद होकर चलने वाली यह एकमात्र वंदे भारत ट्रेन है. धनबाद के लोग वंदे भारत एक्सप्रेस की बनारस तक विस्तार की मांग कर रहे है. इसी बीच मंत्री ने इस ट्रेन को बदले मार्ग से चलाने की मांग कर दी है. अब ऐसा लग रहा है कि यह ट्रेन सप्ताह में 3 दिन धनबाद होकर ही चलेगी. यह अलग बात है कि इसके पहले भी धनबाद होकर चलने वाली ट्रेनों को छिनने का प्रयास किया गया है.
इससे पहले सांसद निशिकांत दुबे के दबाव में दुरंतो एक्सप्रेस का रूट बदला गया था
इससे पहले सांसद निशिकांत दुबे के दबाव में हावड़ा- नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस का रूट धनबाद के बदले जसीडीह -झाझा कर दिया गया था. हावड़ा -राजधानी भी सप्ताह में एक दिन वाया जसीडीह चलती है. यह अलग बात है कि धनबाद को लेकर रेलवे का रवैया कभी भी बहुत सकारात्मक नहीं रहा है. धनबाद को नई ट्रेन तो मिलती नहीं है और जो मिलती है, उस पर भी हमेशा कैंची चलाने का प्रयास होता है. एक बार फिर कोडरमा सांसद ने वंदे भारत एक्सप्रेस को सप्ताह में तीन दिन बदले रूट से चलाने की मांग की है. धनबाद के लोग नहीं चाहेंगे कि उन्हें कम से कम धनबाद से हावड़ा जाने की जो एक सुविधा मिली है, उसमें कटौती हो. हावड़ा से गया के बीच भले ही ट्रेन की सीट खाली रहती हो, लेकिन हावड़ा -धनबाद और धनबाद -हावड़ा आने-जाने वाले पैसेंजरो की संख्या कम नहीं है.
धनबाद, बंगाल से एक तरह से जुड़ा हुआ है,आने -जाने वालो की संख्या भी अधिक होती
धनबाद, बंगाल से एक तरह से जुड़ा हुआ है. यहां रोज आने-जाने वालों की संख्या अधिक है. ऐसे में इस ट्रेन के रूट में कटौती हुई तो यह धनबाद की सुविधा पर कैंची के रूप में देखा जाएगा. धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो की भी यह जवाबदेही होगी कि कम से कम ट्रेन के रूट में कटौती नहीं की जाए. एक तो धनबाद को सुविधाएं मिलती नहीं है, जो मिलती है, उसे धनबाद के बाहर के प्रतिनिधि अपने क्षेत्र में खींचने की कोशिश करते है. अब वंदे भारत के परिचालन में कटौती रोकना सांसद ढुल्लू में तो की भी बड़ी चुनौती होगी. यह अलग बात है कि कोडरमा सांसद और धनबाद सांसद दोनों एक ही दल के है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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